मैराथन बैठक के बाद भी एनटीपीसी कर्मियों के बोनस पर निर्णय नहीं

कोरबा 9 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) में कार्यरत कर्मियों को त्यौहार के अवसर पर बोनस को लेकर नेशनल बाइपार्ट कमेटी (एनबीसी) की बैठक में श्रमिक नेता आपस में उलझ गए। एक समूह एक्सग्रेसिया तो एक अन्य परफारमेंस रिलेटेड पे (पीआरपी) प्रदान किए जाने पर जोर देते रहे। आठ घंटे चले मैराथन बैठक के बाद भी अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। नतीजा यह रहा कि अब दुर्गा उत्सव के बाद पुनः बैठक होगी। इस बीच श्रमिक संघ कर्मचारियों से भी रायशुमारी कर लेंगे।

दिल्ली में एनटीपीसी में कार्यरत कर्मियों की बोनस को लेकर शुक्रवार को सुबह 10.30 चेयरमैन पीके पटेल की अध्यक्षता में एनबीसी बैठक शुरू हुई। सबसे पहले एक्सग्रेसिया मुद्दे पर चर्चा हुई। इस दौरान श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने पहली बार अधिकारियों की तरह पीआरपी देने का प्रस्ताव रखा। प्रबंधन ने कर्मियों को ग्रेड के अनुसार पीआरपी राशि की गणना कर श्रमिक प्रतिनिधियों के समक्ष रखा। कनिष्ठ कर्मचारियों को कम राशि मिल रही थी। बैठक में उपस्थित कनिष्ठ कर्मचारी नेता ने इस पर असंतोष जताया और एक्सग्रेसिया का ही भुगतान करने की बात रखी। कुछ नेताओं ने इस पर आपत्ति की और पीआरपी से ज्यादातर कर्मियों के लाभांवित होने का हवाला देते हुए इस पर ही अमल करने कहा। लंबी बहस के बाद भी नतीजा नहीं निकल सका और गहमागहमी के बीच शाम करीब 5.30 बजे बेनतीजा समाप्त हुई। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में हैदराबाद में बैठक होगी। कार्यकारी अध्यक्ष केपी चंद्रवंशी का कहना है कि इस बीच श्रमिक नेता एनटीपीसी कर्मियों से चर्चा कर उनका मंतव्य लेंगे। बैठक में एनटीपीसी के निदेशक मानव संसाधन व अन्य वरिष्ठ अधिकारी, श्रमिक संघ में इंटक, भारतीय मजदूर संघ, एटक व सीटू के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

पीआरपी व एक्सग्रेसिया में अंतर

पीआरपी की गणना तीन बिंदुओं पर कंपनी, व्यक्तिगत व टीम वर्क परफारमेंस के आधार पर तय किया जाता है। ग्रेड के अनुसार अलग- अलग राशि का भुगतान होता है, पर व्यक्तिगत परफारमेंस खराब हुआ, तो सामान पद पर कार्य करने के बाद भी कम राशि मिलती है। वहीं एक्सग्रेसिया में प्रबंधन व श्रमिक संघ के मध्य आपसी सहमति के आधार पर एक निश्चित राशि तय कर दी जाती है, पर यह राशि बीते वित्तीय वर्ष में कर्मियों की ड्यूटी में उपस्थिति के आधार पर प्रदान की जाती है।

इसलिए बिखर गए श्रमिक नेता

बीते वर्ष एनटीपीसी के अधिकारियों को पीआरपी प्रदान किया गया था। यह राशि कर्मियों को मिले एक्सग्रेसिया राशि से अधिक थी। इसलिए श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने आपस में तय कर निर्णय लिया था कि कर्मियों को भी पीआरपी दिलाया जाएगा। श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने बैठक में इस प्रस्ताव को रखा, पर कनिष्ठ कर्मियों को नुकसान होने पर कुछ श्रमिक नेता पीछे हट गए।

ऐसे तय की जाती है एक्सग्रेसिया

सार्वजनिक उपक्रम एनटीपीसी में कर्मचारियों के ग्रेड अनुसार एक्सग्रेसिया की राशि तय की जाती है। यहां न्यूनतम ग्रेड डब्ल्यू शून्य से 11 तक ग्रेड हैं। इसके बाद उच्चतम स्पेशल ग्रेड के कर्मचारी हैं। पिछले वर्ष डब्ल्यू शून्य ग्रेड के कर्मियों को 72450 रुपये और स्पेशल ग्रेड को 156450 रुपये एक्सग्रेसिया के रूप में प्रदान किया गया था।

देश भर में 18 हजार कर्मचारी

एनटीपीसी ग्रुप की बिजली उत्पादन क्षमता भले ही 68 हजार मेगावाट के करीब है, पर यहां कार्यरत कर्मचारियों की संख्या केवल 18 हजार है। 2600 मेगावाट क्षमता वाले एनटीपीसी कोरबा में 900 तथा 2980 मेगावाट वाले सीपत (बिलासपुर) संयंत्र में 950 कर्मी कार्यरत हैं। अब इन सभी कर्मियों को एक्सग्रेसिया या पीआरपी के लिए इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि श्रमिक संघ प्रतिनिधियों का कहना है कि हमारा प्रयास रहेगा कि दीपावली के पहले भुगतान हो जाए।

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