कोरबा 3 अक्टूबर ( वेदांत समाचार )। धान की फसल में शुरू हो रही बालियों के लिए असमय बारिश ने नुकसान की संभावना बढ़ा दी है। धान के फूल झड़ने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। शनिवार को डेढ़ घंटे तक हुई 134.80 मिली बारिश से खेतों में पानी भर गया। बारिश ऐसे ही जारी रही तो उपज कम होगी। अनावश्यक पानी भरने की समस्या से बचने के लिए कृषि विभाग ने किसानों को खेत के मुंहाने खोलने की सलाह दी हैमानसून आगमन से अब तक 1037 मिली मीटर वर्षा हो चुकी है, जो आवश्यकता से अधिक है। किसानों की माने तो समय के अनुसार हाने वाली बारिश ही खेती के लिए कारगर होती है।
मैदानी के साथ निचले भूमि के खेतों में पानी का भराव होने अब खेती के लिए हानिकारक है। दूसरे चरण की खेती निंदाई के बाद धान की फसल गभोट की स्थिति में आ चुकी है। मोटा प्रजाति फसल में धान की बालियां शुरू हो चुकी है। बारिश से बालियों को नुकसान हो रहा। जिले में 98000 हेक्टेयर भूमि में धान फसल की बुआई की गई है। इनमें 70 फीसदी रकबा मोटा धान का है। किसानों की माने तो नम जमीन के साथ उमस और धूप बालियों को पनपने में कारगर होगा। फसल को तैयार होने में 40 से 50 दिन का समय है। नवंबर माह के दूसरे पखवाड़े में कटाई शुरू हो जाएगी।
सब्जी खेती में विपरीत असर, बढ़े दामबारिशर का खेती पर पहले ही विपरीत असर है। बाजार में सब्जियों के दाम में लगातार बढ़त हो रही है। सितंबर माह में 20 रूपये किलो बिकने वाली टमाटर 40 रूपये हो गई है। शनिवार को हुई बारिश ने करेला, बरबट्टी और भिंडी में कीट रोग की संभावना बढ़ा दी है। किसानों की माने तो फसलों में पहले से मौसमी बीमार थी, जिसमें दवा का छिड़काव किया गय था। असमय हो रही बारिश से दवा बेअसर साबित हो रहा। दलहन में उड़द की फसल दस से 15 दिन भीतर काटने लायक हो जाएगी। बारिश ऐसे ही जारी रही तो किसानों को नुकसान की दोहरी मार झेलनी पड़ेगी।
धान में बालियां शुरू हो चुकी है। लगातार बारिश से नुकसान हो सकता है। किसान खेतों में अनावश्यक पानी का भराव न होने दें, पानी बहाव के लिए खेत के मुंहाने को खोल कर रखना उचित होगा।
[metaslider id="347522"]