रायपुर। छत्तीसगढ़ में ढाई ढाई साल के सीएम बनाए जाने की अटकलों पर फिलहाल विराम लगा हुआ दिखाई दे रहा है मगर इस चुप्पी के पीछे सत्ता समीकरण को साधने के लिए संगठन और मौजूदा कैबिनेट में संतुलन बनाए रखने के लिए बड़े फेरबदल की तैयारी है। मीडिया में बयानबाजी वाले मंत्रियों से नाराज हैं राहुल गांधी कांग्रेस की सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के पूर्व अंतरिम अध्यक्ष राहुल गांधी के आगामी 17 सितंबर को होने वाले छत्तीसगढ़ दौरे के बीच ये फेरबदल कभी भी हो सकता है। बताया जा रहा है कि सीएम पद की लड़ाई पार्टी के बाहर
मीडिया में बयानबाजी करने वाले कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। इन मंत्रियों की शिकायत आलाकमान तक पहुंची है, जिनसे राहुल गांधी खासे नाराज बताए जा रहे हैं।
तैयार हो रही है रिपोर्ट कार्ड
सूत्रों की मानें तो कुछ मंत्रियों के करीबी लोगों द्वारा लोगों और अफसरों से उगाही करने की शिकायत राहुल तक पहुंची है। जिन मंत्रियों की शिकायत राहुल गांधी तक पहुंची है, उनमें कुछ पर गलत तरीके आदिवासी की जमीन की रजिस्ट्री व सरकार में अपनी दखल का हवाला देकर लोगों से नौकरी दिलाने, ट्रांसफर पोस्टिंग व दीगर काम कराने के एवज में उगाही के आरोपों की शिकायत का मामला शामिल है। बताया जा रहा है फेरबदल में तीन से चार मंत्री प्रभावित हो सकते हैं। बताया जा रहा है इस फेरबदल में मंत्रियों के परफारमेंस को भी आधार बनाना जा सकता है, साथ की मंत्रियों का कद बढ़ाए जाने के भी कयास लगाए जा रहे हैं।
चुनावी मोड पर है छत्तीसगढ़ की राजनीति
बता दें कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस और भाजपा चुनावी मोड पर आ चुकी हैं। भाजपा जहां धर्मातंरण, खाद बीज, किसानों की समस्या व चुनाव घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा करने हमलावर हो रही है वहीं कांग्रेस भाजपा के आरोपों से परेशान हैं। ऐसे में चुनावी साल से पहले छत्तीसगढ़ के उन वरिष्ठ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है जिन्हें अब तक सरकार में शामिल नहीं किया गया है। फेरबदल में मंत्रियों के परफारमेंस को भी आधार बनाना जा सकता है, साथ की मंत्रियों का कद बढ़ाए जाने के भी कयास लगाए जा रहे हैं।
चुनावी मोड पर है छत्तीसगढ़ की राजनीति
बता दें कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस और भाजपा चुनावी मोड पर आ चुकी हैं। भाजपा जहां धर्मातंरण, खाद बीज, किसानों की समस्या व चुनाव घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा करने हमलावर हो रही है वहीं कांग्रेस भाजपा के आरोपों से परेशान हैं। ऐसे में चुनावी साल से पहले छत्तीसगढ़ के उन वरिष्ठ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है जिन्हें अब तक सरकार में शामिल नहीं किया गया है।
जिन वरिष्ठ विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है उनमें पूर्व मंत्री सत्यानारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, अमितेश शुक्ल जैसे दिग्गज शामिल हैं, जिन्हें सरकार चलाने का लंबा अनुभव है।