रायपुर-गरियाबंद नेशनल हाईवे 2 फीट डूबा; कई कॉलोनियों में भरा पानी, पैरी नदी उफान पर, किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक दिन की ही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। जिला मुख्यालय सहित शहर की कई कॉलोनियों में घुटने तक पानी भर गया है। वहीं पैरी नदी उफान पर है। रायपुर-गरियाबंद नेशनल हाईवे पर 2 फीट पानी बहने से उसे बंद कर दिया गया है। नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कलेक्टर ने बैठकों को निरस्त कर सभी SDM को तटीय इलाकों में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर मौसम विभाग ने 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। रुक-रुक कर हो रही इस बरसात ने सोमवार को रौद्र रूप ले लिया। इसके चलते आधी रात को ही पैरी नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि नेशनल हाइवे पर बसे मालगांव और पंटोरा में सड़क पर पानी बहने लगा। वहीं नगर के अंदर भी घुटनों तक पानी भर गया है। जिला मुख्यालय, जेल रोड, महाविद्यालय, मज़रकटा, पैरी कालोनी, कोकड़ी आमदी के इलाके पानी में डूबे हुए हैं।

नेशनल हाइवे पर बसे मालगांव और पंटोरा में सड़क पर पानी बहने लगा।

नेशनल हाइवे पर बसे मालगांव और पंटोरा में सड़क पर पानी बहने लगा।

सिकासेर जलाशय के 17 गेटों से 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा


तीन दिनों से हो रहे झमाझम बारिश से 210 MCFT क्षमता वाला सिकासेर बांध 91.8% भर गया है। बांध के इंचार्ज सिंह ध्रुव ने बताया कि सोमवार को बांध के 22 गेट में से 17 को खोल दिया गया है। अब 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वेस्ट वियर से भी पानी छोड़ा जा रहा है। बांध में लगी बिजली उत्पादन यूनिट भी चालू कर दी गई है। दोपहर से 2 यूनिट मेगावाट का उत्पादन प्रकिया शुरू कर दी जाएगी।

जिला मुख्यालय, जेल रोड, महाविद्यालय, मज़रकटा, पैरी कालोनी, कोकड़ी आमदी के इलाके पानी में डूबे हुए हैं।

जिला मुख्यालय, जेल रोड, महाविद्यालय, मज़रकटा, पैरी कालोनी, कोकड़ी आमदी के इलाके पानी में डूबे हुए हैं।

राजिम के त्रिवेणी संगम में देर रात तक जल स्तर बढ़ने की संभावना


सिकासेर डैम के गेट खोलने से उसका पानी सीधे पैरी नदी से होकर निकलता है। इसके कारण राजिम में मौजूद त्रिवेणी संगम (पैरी, सोंढुर, महानदी) के पास देर रात तक जल स्तर बढ़ने की संभावना है। सिकासेर के कमांड एरिया में प्रशासन ने मुनादी करवा दी है। नदी किनारे बसे गांव पटोरा, चिखली, पाथर मोहन्दा, भिलाई, नहरगांव, मालगांव, बारूका, जलकुम्भी, गाहदर इन बस्तियों में पानी घुस गया है। इन गांवों को खाली कराने की नौबत आ गई है।

3 दिनों से लगातार बारिश, सोमवार रात 132.5 मिमी बरसा पानी

तहसीलबारिश (मिमी)
गरियाबंद40.1
राजिम7.2
छुरा74.1
मैनपुर12.6
देवभोग1.2

निर्माणाधीन पुल के कार्य में जुटे 3 लोग कैंप में फंसे, नदी-नाले उफान पर


छुरा ब्लॉक के कोंदकेरा में खेरीटिकरा इलाके में नाले का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इसके चलते नाले पर चल रहे पुल के निर्माण कार्य में लगे 3 लोग कैंप में ही फंस गए हैं। छुरा SDM अंकिता सोम ने बताया कि राजस्व अमले के अलावा प्रशिक्षित रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया है। वहीं छुरा रोड पर मौजूद छह मासी नदी उफान पर है। इसके बाद भी लोग जान जोखिम में डाल कर आवाजाही कर रहे हैं। इस बरसात में अब तक तीन बड़े हादसे इसी नाले पर हो चुके हैं।

छुरा ब्लॉक के कोंदकेरा में खेरीटिकरा इलाके में नाले का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इसके चलते नाले पर चल रहे पुल के निर्माण कार्य में लगे 3 लोग कैंप में ही फंस गए हैं।

छुरा ब्लॉक के कोंदकेरा में खेरीटिकरा इलाके में नाले का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इसके चलते नाले पर चल रहे पुल के निर्माण कार्य में लगे 3 लोग कैंप में ही फंस गए हैं।

रायपुर में ही बरस गया 504 मिमी पानी


सोमवार से आज सुबह तक 24 घंटे में रायपुर में भी बरसात का रिकॉर्ड टूटा है। जिले में औसतन 504.4 मिमी बरसात दर्ज हुई है। इसमें गोबरा नवापारा तहसील में सबसे अधिक 130.3 मिमी पानी बरसा है। रायपुर में 92.3, आरंग में 82, अभनपुर में 80, खरोरा में 61.5 और तिल्दा में सबसे कम 58.3 मिमी पानी गिरा है। इसकी वजह से अब तक की वर्षा का कोटा लगभग पूरा हो गया है। रायपुर तहसील में सामान्य से 104%, गोबरा नवापारा में 138%, खरोरा का 98% और अभनपुर में 95% तक बरसात हो चुका है। सूखे से सबसे अधिक प्रभावित चार तहसीलों में शुमार आरंग में अब जाकर 50% बरसात का निशान छुआ है। वहीं तिल्दा में 81% बरसात हो चुकी।