⭕ प्रमाण-पत्र एवं आकर्षक उपहार पाकर हर्षित हुए बच्चे ।
⭕ हिंदी दिवस भारतीय संस्कृति को संजोने और हिंदी भाषा को सम्मान देने का एक तरीका है-डॉ. संजय गुप्ता
⭕ राष्ट्रभाषा के सम्मान के बिना हम विकास की राह में अग्रसर नहीं हो सकते-डॉ. संजय गुप्ता
कोरबा 11 सितंबर (वेदांत समाचार) हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है । ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई । हिंदी भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया था । भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया । हालांकि इसे 26 जनवरी 1950 को देश के संविधान द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में मंजूरी दी गई । हिंदी को अधिकारिक भाषा के रूप में प्रयोग करने के दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है । यह दिन हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है । यह युवाओं को अपनी जड़ों के बारे में याद दिलाने का एक तरीका है । इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहाँ तक पहुँचे हैं और हम क्या करते हैं अगर हम अपनी जड़ों के साथ मैदान में डटे रहें और समन्वयित रहें तो हम अपनी पकड़ मजबूत बना लेंगें ।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कई पाठ्य सहगामी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । इन प्रतियोगिताओं में सभी कक्षा के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया । प्राथमिक कक्षाओं में जहाँ कविता वाचन, राष्ट्रभाषा हिन्दी में अपना परिचय देना, शब्दजाल प्रतियोगिता, का आयोजन किया गया वहीं कक्षा तीसरी एवं चौंथी एवं पाँचवीं में हिंदी सुलेख प्रतियोगिता का कक्षा स्तर में आयोजन किया गया । वहीं कक्षा छठवीं, सातवीं एवं आठवीं में आशुभाषण प्रतियोगिता, सलोगन रायटिंग व पोस्टर मेंकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।
विगत 3 से 4 दिनों में निरंतर अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन कक्षा स्तर पर किया गया । प्रतियोगिताओं में विजयी विद्यार्थियों को विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता के द्वारा प्रमाण-पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया । सुलेख प्रतियोगिता में कक्षा पाँचवी से निकिता हेम्बराम, अभय भारती, अदिती कंवर व वंशिका सिंह, कक्षा तीसरी से पीहु कुमारी, काव्या और याशित, कक्षा चौंथी से अकांक्ष्या नायक, गोल्डी अग्रवाल, सिमरन सहारन विजयी रहे । सभी विजयी प्रतिभागियों को विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने प्रमाण-पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया । उपहार पाकर सभी विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे कक्षा में उपस्थित सभी विद्यार्थियों ने करतल ध्वनि से विजयी विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन किया । इसके अलावा कक्षा छठवीं में आशुभाषण प्रतियोगिता में पायल सहारन, अक्षिता पांडेय तथा आदर्श कश्यप और प्रयाग जायसवाल ने संयुक्त रूप से बेहतर प्रदर्शन किया । कक्षा छठवीं से ही स्लोगन, रायटिंग प्रतियोगिता में पायल, अन्वी व हिमांशी कंवर विजयी रहे, कक्षा 7 वीं से सानिया खातून, पल्लवी उइके मितुल सिंह तथा कक्षा 3 वीं से प्रियांशु देव वंदना सिहाग, रिदिमा हलदर व इशिता विजयी रहे ।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में कक्षा 6 वीं से हिमांशी कँवर, रितु, पायल सहारन व अन्वी सिंह विजयी रहे । कक्षा 7 वीं से प्रियानी कार्की, ग्रीतिका वत्स, रिषभ सिंह व पल्लवी उइके विजयी रहे तथा कक्षा आठवीं से इशिता, प्रियांशी कंवर व सारूति सिंह ने अच्छा प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा दिखाई । सभी विजयी प्रतिभागियों को विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता जी ने बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ दी । गौरतलब है कि इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में विभिन्न पाठ्य सहगामी क्रियाओं से संबंधित प्रतियोगिताओं का आयोजन कर विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को निखारने का पूरा अवसर दिया जाता है । स्लोगन रायटिंग, आशुभाषण एवं पोस्टर मेंकिंग प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को आगामी विशेष अवसर पर प्रमाण पत्र एवं उपहार से सम्मानित किया जाएगा ।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि हिंदी हमारे देश की विरासत व अस्मिता का परिचायक है । जहाँ भी हम जाएँ हमारी भाषा, संस्कृति और मूल्य हमारे साथ बरकरार रहने चाहिए । हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हम हमारी महानता का परिचय कराता है । हिंदी हमारी आधिकारिक भाषा है और बहुत अधिक महत्व रखता है । हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सबसे पहले हम भारतीय हैं और हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है । हिंदी दिवस भारतीय संस्कृति को संजोने और हिंदी भाषा को सम्मान देने का एक तरीका है । हिंदी हमारे देश की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा के रूप से बोली जाने वाली भाषा के रूप में मजबूत है । हिंदी दिवस हमारे सांस्कृतिक जड़ों को फिर से देखने और अपनी समृध्दता का जश्न मनाने का दिन है । विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन कर विद्यार्थियों के हृदय में हिंदी के प्रति सम्मान का भाव जगाना उद्देश्य है । हमें आजीवन अपनी राष्ट्रभाषा पर गर्व होना चाहिए । क्योंकि बिना राष्ट्रभाषा के सम्मान के हम विकास की राह में अग्रसर नहीं हो सकते ।
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