कोरबा । सर्वेश्वर एनीकट के डाउन स्ट्रीम में अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है, जिससे भविष्य में अनीकट के अनुप्रवाह का टो वाल एवं पीसीसी ब्लाक क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में कट आफ वाल व डायफ्राम वाल को क्षति पहुंच सकती है। अतः अवैध रेत उत्खनन पर शीघ्र ही रोक लगाने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने का कष्ट करें।
यह किसी आम व्यक्ति या दफ्तरों के इर्द-गिर्द चक्कर काटने वालों की शिकायत नहीं, बल्कि खुद हसदेव बराज जल प्रबंध संभाग रामपुर के कार्यपालन अभियंता पीके वासनिक का लिखा पत्र है, जो उन्होंने जिला खनिज आयुक्त एसएस नाग को भेजा है। कार्यपालन अभियंता ने चिंता जाहिर की है कि हसदेव नदी पर हाल ही में बनकर तैयार हुए सर्वेश्वर एनीकट के ठीक नीचे ही धड़ल्ले से रेत उत्खनन किया जा रहा है। रात के समय राताखार क्षेत्र से लेकर खासकर एनीकट के ठीक नीचे हर रोज इस स्थल पर रेत उत्खनन करते मजदूर व अवैध रेत परिवहन करते ट्रैक्टरों को देखा जा सकता है। वर्तमान में बारिश का मौसम जारी है, जिसमें वैसे भी नदी-नालों से रेत निकालने पर प्रतिबंध होता है। यहां पर न केवल नियम-कायदे दरकिनार किए जा रहे, इस तरह एनीकट के बिलकुल लगे हुए नदी क्षेत्र में उत्खनन कर सर्वेश्वर एनीकट को भी क्षतिग्रस्त करने का खतरा उत्पन्ना किया जा रहा। यही चिंता जाहिर करते हुए जलसंसाधन विभाग की ओर से त्वरित कार्रवाई की गुजारिश के साथ यह पत्र जिला खनिज अधिकारी को लिखा गया है। बताया जा रहा कि हसदेव नदी में राताखार क्षेत्र से ही रात के वक्त लगभग 40 से 50 ट्रैक्टरों के माध्यम से नदी से अवैध रेत प्रतिदिन निकाला जाता है।
जानकारों का कहना है कि दीगर जिलों में भी इसी तरह अवैध रेत उत्खनन होने से तुरकाडीह, पीथमपुर व रामानुजगंज के पुलों में असर सामने आ चुके हैं। कहीं ऐसा न हो कि अवैध उत्खनन के चलते पहली बारिश के बाद ही सर्वेश्वर एनीकट के बंधान में किसी प्रकार की कोई खराबी आ जाए और अगले वर्ष पानी रुकना मुश्किल हो जाए। अब देखने वाली बात यह है कि अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए लिखे गए इस पत्र में दिख रहे कार्यपालन अभियंता के डर का कुछ असर खनिज विभाग में दिखाई देता है या नहीं। अब दायित्व निभाने की बारी जिला खनिज आयुक्त की है।
48 करोड़ की लागत, 25 वार्डों की प्यास
शासन की ओर से करीब 48 करोड़ की लागत खर्च कर सर्वेश्वर एनीकट का निर्माण किया गया है। सर्वेश्वर एनीकट की कार्ययोजना वर्षों पुरानी है, पर उसे धरातल पर लाने पिछले वित्तीय वर्ष में ही कामयाबी मिली है। वर्तमान में इस एनीकट का पानी नगर निगम अंतर्गत दर्री व बांकीमोंगरा के 25 वार्ड के लोगों की प्यास बुझा रहा है। बारिश के समय दर्री बराज से जरूर पानी छोड़ा जाता है। अधिक भराव होने पर ही नौबत आती है। बताया जा रहा कि इस निर्माण कुछ इस तरह से हुआ है कि सर्वेश्वर एनीकट में हर वक्त 9.3 मिलियन घनमीटर पानी का भरा रहेगा, जो यह जरूरत पूरा करेगा।
शहर में मनमानी, कहां हैं खनिज इंस्पेक्टर
जिले में कहीं भी किसी नदी-नाले या स्थल पर कोई भी प्रकार का अवैध खनिज उत्खनन न हो, यह देखने की जवाबदारी जिला खनिज विभाग की होती है। इसके लिए विभाग में कई खनिज निरीक्षक भी नियुक्त हैं। इसके बाद भी शहर के बीच इस तरह बेखौफ होकर नदी का सीना छल्ली किया जा रहा, वह खनिज विभाग के इन इंस्पेक्टरों की नजर आता, यह विभागीय कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करता है। रेत का अवैध उत्खनन हसदेव नदी पर बने सर्वेश्वर एनीकट के 100 मीटर के दायरे में भी हो रहा है यह भी चिंता का विषय है, जिनपर इन निरीक्षकों की नजर नहीं पड़ना सोचने पर विवश करता है।
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