संतान की दीर्घायु के लिए माताओं ने रखा हलषष्ठी का व्रत

धमतरी 28 अगस्त (वेदांत समाचार) संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना को लेकर हलषष्ठी पर्व शनिवार को शहर समेत धमतरी जिलेभर में मनाया गया। महिलाओं ने व्रत रखकर सगरी में जल अर्पित किया और भगवान शिव की विशेष पूजा की। इसके बाद पसहर चावल का सेवन कर उपवास तोड़ा।

हलषष्ठी पर्व जिले में धूमधाम के साथ मनाया गया। पूजा पाठ की तैयारी को लेकर महिलाएं सुबह से ही जुटी रहीं। बच्चों की सुख समृद्घि तथा दीर्घायु की कामना को लेकर माताओं ने व्रत रखा। हलषष्ठी के दिन को प्रमुख रुप से भगवान कार्तिकेय का जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर संतानधारी महिलाओं ने व्रत रखा और घरों के अलावा मंदिरों में भी पूजा पाठ का दौर सुबह से शाम तक चलता रहा। व्रती माताओं ने घर व मंदिर के सामने सगरी का निर्माण किया, जिसमें नदी, पर्वत की आकृति भी अंकित थी।

फोटो। सिविल लाइन में सगरी की पूजा करती महिलाएं

व्रती महिलाएं मधु तिवारी, कविता कांगे, उमेश्वरी साहू, पुष्पा पैकरा, कल्याणी सिन्हा, रुपाली सिन्हा, जमुना पटेल, भागेश्वरी साहू, पोमिन साहू, करिश्मा तुर्या, विश्वास ध्रुव, पूजा साहू, दमयंती मंडावी, जानकी नेताम, कालिन्द्री साहू, दुलारी आदि ने बताया कि कमरछठ पर्व पर संतान की लंबी आयु के लिए भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन महिलाएं सुबह स्नान-ध्यान कर सामूहिक रुप से सगरी में जल अर्पित कर आरती करती हैं तथा संतान की लंबी उम्र की कामना की जाती है।

हल की पूजा का प्रावधान
पंडित नरेंद्र त्रिवेदी के अनुसार भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म इसी दिन हुआ था। इस अवसर पर उनके साथ उनके हल व बैल की भी पूजा की जाती है। पूजा के बाद व्रत पारणा में भी हल से उपजे अन्न का उपयोग नहीं किया जाता। इसलिए कमरछठ व्रत रखने वाली माताएं बिना हल चली जमीन पर पैदा होने वाले पसहर चांवल का सेवन का उपवास तोड़ती हैं।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]