UPSC Success Story: दूसरे अटेम्प्ट में बनीं IPS, फिर तीसरे में पूरा हुआ IAS बनने का सपना, जानिए नम्रता का सक्सेस मंत्र

देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यानी यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में हर साल लाखों छात्र भाग लेते हैं. लेकिन कुछ छात्रों की सफलता की कहानी ऐसी होती है जो हर छात्र के लिए प्रेरणा बन जाती है. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की रहने वाली नम्रता जैन की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. आईएएस ऑफिसर नम्रता जैन (Namrata Jain) ने साबित कर दिया कि मुश्किल हालातों के बावजूद भी अपने सपने को पूरा किया जा सकता है.

छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला सबसे बड़े नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गिना जाता है. ऐसे नक्सल प्रभावित जिले की रहने वाली नम्रता जैन ने पहले आईपीएस की परीक्षा पास की फिर IAS बनीं. नम्रता को पढ़ाई के दौरान ऐसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है जिसके बारे में कल्पना करना भी मुश्किल है. जहां आए दिन हत्या, विस्फोट और बिजली चले जाने की समस्या हो, ऐसी जगह से पढ़ाई कर आईएएस बनना आसान नहीं है.

छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला सबसे बड़े नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गिना जाता है. ऐसे नक्सल प्रभावित जिले की रहने वाली नम्रता जैन ने पहले आईपीएस की परीक्षा पास की फिर IAS बनीं. नम्रता को पढ़ाई के दौरान ऐसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है जिसके बारे में कल्पना करना भी मुश्किल है. जहां आए दिन हत्या, विस्फोट और बिजली चले जाने की समस्या हो, ऐसी जगह से पढ़ाई कर आईएएस बनना आसान नहीं है.

नम्रता जैन ने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘उनके कस्बे में एक पुलिस स्टेशन में नक्सलियों ने विस्फोट कर दिया था. इस घटना के बाद जहां चारों ओर दर का माहौल था, वहीं नम्रता ने इससे प्रेरणा लेते हुए विकास लाने का निर्णय लिया.  नम्रता ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दंतेवाड़ा के कारली के निर्मल निकेतन स्कूल से की, लेकिन 10वीं पास करने के बाद मुश्किल आ गई, क्योंकि उनके घरवालों ने आगे की पढ़ाई के लिए बाहर भेजने से मना कर दिया. हालांकि नम्रता की मां ने उनका पूरा साथ दिया और परिवारवालों को नम्रता की पढ़ाई के लिए मनाया. इसके बाद नम्रता ने 5 साल भिलाई और 3 साल दिल्ली में रहकर पढ़ाई की.

नम्रता जैन ने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘उनके कस्बे में एक पुलिस स्टेशन में नक्सलियों ने विस्फोट कर दिया था. इस घटना के बाद जहां चारों ओर दर का माहौल था, वहीं नम्रता ने इससे प्रेरणा लेते हुए विकास लाने का निर्णय लिया. नम्रता ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दंतेवाड़ा के कारली के निर्मल निकेतन स्कूल से की, लेकिन 10वीं पास करने के बाद मुश्किल आ गई, क्योंकि उनके घरवालों ने आगे की पढ़ाई के लिए बाहर भेजने से मना कर दिया. हालांकि नम्रता की मां ने उनका पूरा साथ दिया और परिवारवालों को नम्रता की पढ़ाई के लिए मनाया. इसके बाद नम्रता ने 5 साल भिलाई और 3 साल दिल्ली में रहकर पढ़ाई की.

नम्रता पहली बार 2015 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह पास नहीं हो पाईं. इसके बाद साल 2016 के एग्जाम में 99वां रैंक लाने के बावजूद भी वह आईएएस नहीं बन पाईं. वह मध्यप्रदेश कैडर की IPS बनीं. हालांकि नम्रता का लक्ष्य आईएएस बनने का था, इसलिए उन्होंने हैदराबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान भी यूपीएससी की तैयारी करती रहीं.

नम्रता पहली बार 2015 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह पास नहीं हो पाईं. इसके बाद साल 2016 के एग्जाम में 99वां रैंक लाने के बावजूद भी वह आईएएस नहीं बन पाईं. वह मध्यप्रदेश कैडर की IPS बनीं. हालांकि नम्रता का लक्ष्य आईएएस बनने का था, इसलिए उन्होंने हैदराबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान भी यूपीएससी की तैयारी करती रहीं.

साल 2018 में उन्होंने एक बार फिर भाग्य आजमाया. इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने ऑल इंडिया में 12वां रैंक हासिल किया और आईएएस बनने का सपना पूरा किया. नम्रता कहती हैं, पूरे सफर में आपको संयम रखना होगा, सफलता नहीं मिलेगी, गलतियां होंगी पर हिम्मत नहीं हारनी है.

साल 2018 में उन्होंने एक बार फिर भाग्य आजमाया. इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने ऑल इंडिया में 12वां रैंक हासिल किया और आईएएस बनने का सपना पूरा किया. नम्रता कहती हैं, पूरे सफर में आपको संयम रखना होगा, सफलता नहीं मिलेगी, गलतियां होंगी पर हिम्मत नहीं हारनी है.

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