बिलासपुर। 27 अगस्त (वेदांत समाचार) : कोरोना संक्रमण के दौर में कारखानों की चिमनियों ने धुआं उगलना बंद कर दिया था। डेढ़ साल बाद कारखानों के बंद कपाट खुले और चिमनियों ने धुआं उगलना शुरू किया ही था कि बिजली ने झटके देना शुरू कर दिया। अनियमिति और बिना सूचना की जा रही बिजली कटौती के कारण उद्योगों को प्रतिदिन चार से पांच करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है। सबसे बड़ी परेशानी ये कि उत्पाद की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। प्रतिदिन छह से सात घंटे बिजली कटौती हो रही है।
बिना सूचना और अनियमित बिजली कटौती का सबसे ज्यादा असर स्टली और फेरो एलाय कारखानों को हो रहा है। तकनीकी पहलुआंे पर नजर डालें तो इन उद्योगों की फर्नेस को गरम करने में सात से आठ घंटे लगते हैं। भट््ठी जब पूरी तरह गरम हो जाती है तब इसमंे लोहा पिघ्ालाने और उत्पाद बनाने के लिए गरम लोहा को सांचों में डाला जाता है और साइज के अनुसार उसे ढाला जाता है। अचानक बिजली गुल होने से फर्नेस ठंडा हो जाता है। गरम लोहा भी धीरे-धीरे ठंडा होने लगता है और उत्पाद साइज के अनुसार नहीं बन पाता।
भठ्ठी के ठंडी होने का चौतरफा नुकसान उठाना पड़ता है। उत्पाद की गुणवत्ता खराब होती है और यह कबाड़ के मोल बिकता है। कमोबेश कुछ इसी तरह की परेशानी फेरो एलाय उद्योगों को उठानी पड़ रही है। सिलपहरी, सिरगिट्टी व तिफरा औद्योगिक प्रक्षेत्र में तकरीबन दो हजार लघु व मध्यम उद्योग संचालित किया जा रहा है। अघोषित कटौती के कारण औद्योगिक परिक्षेत्र में एक बार फिर संकट गहराने लगा है।
उद्योग संघ ने लिखी चिठ्ठी
छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ प्रदेश अध्यक्ष हरीश केडिया, जिला उद्योग संघ अध्यक्ष वृजमोहन अग्रवाल, महासचिव शरद सक्सेना एवं उपाध्यक्ष सतीश शाह ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक एवं कार्यपालक निदेशक विलासपुर को विद्युत संकट को लेकर पत्र लिखा है।
अफसरों का यह कहना
राजय विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक का कहना है कि पावर जनरेशन कंपनी के 210 मेगावाट क्षमता के दो सयंत्र बंद है। अन्य सयंत्रों में भी कोयला संकट के कारण उत्पादन कम हो रहा है। पर्याप्त पानी नहीं गिरने से किसानों की मांग प्रदेशभर में बढ़ जाने से संकट और भी गहरा गया है।
उद्योगों को ऐसे हो रहा नुकसान
0 फर्नेस को गरम होने के लिए कम से कम सात घंटे बिजली की जस्र्रत होती है। इसके लिए अतिरिक्त बिजली की खपत होती है।
0 अचानक बिजली गुल होने से फर्नेस ठंडा होने लगता है। स्टील व फेरो एलाय उद्योगों को इससे सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। उत्पाद की गुणवत्ता खराब हो रही है।
0 श्रमिकों को बिना काम का भुगतान करना पड़ रहा है। अनियमित कटौती से श्रमिकों को दिन और रातभर बिना काम बैठाए रहना पड़ता है।
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