वनमंडल में बंदरबाँट, हाईकोर्ट को नहीं दे पा रहे जवाब…जानें पूरा मामला और घपला

कोरबा-कटघोरा । हाईकोर्ट ने कटघोरा वनमण्डल अधिकारी से पूछा है कि वन मंडल के रेन्जों में कितने पौधे कहां- कहां लगाए गए हैं, उनकी पूरी जानकारी दें। पौधों की सप्लाई हुई है तो सप्लायर का भुगतान कितना किया और रोका तो क्यों रोका गया है? इस सवाल काआज पर्यंत जवाब नहीं दिया जा सका है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सीसीएफ बिलासपुर को पुन: नोटिस जारी किया है।


वन अधिकारियों के रवैये से पीड़ित व्यवसाई ने हाईकोर्ट की शरण ली है। महामाया सेल्स, कटघोरा के संचालक मुकेश गोयल ने वर्ष 2018-19 में कटघोरा वन मंडल के कटघोरा, पसान सहित लगभग 6 रेन्जों में पौधों की सप्लाई की थी। वाहनों के जरिए पौधों की सप्लाई के एवज में करीब 40 लाख रुपए का बिल बना। काम तो पूरा करा लिया गया, जिसके लिए रेंजरों ने वर्कऑर्डर भी जारी किए थे और पौधों की सप्लाई की पावती भी दी गई लेकिन कार्य के एवज में भुगतान नहीं किया गया।

मुकेश ने वन मंडल स्तर पर अनेकों पत्र लिखे, कई बार वर्तमान डीएफओ शमा फारुखी से भी गुहार लगाई परंतु उसके हक का पैसा नहीं दिया गया।डीएफओ से लेकर रेंजरों ने कई बहाने बनाए। आखिरकार पीड़ित सप्लायर ने हाईकोर्ट बिलासपुर की शरण ली और अपने अधिवक्ता गौतम खेत्रपाल के माध्यम से रिट पिटिशन दायर किया। सीसीएफ, कटघोरा वन मंडल अधिकारी और संबंधित रेंजरों को इसमें प्रतिवादी बनाया गया है। पहली सुनवाई में डीएफओ व अधिकारियों को हाईकोर्ट ने 21 जून 2021 को प्रथम नोटिस जारी कर 3 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने निर्देशित किया। हाईकोर्ट ने पूछा है कि जितने पौधों की सप्लाई कराई गई है, बिल और वर्क आर्डर में जितने आंकड़े दर्ज हैं, उसके अनुपात में कहां-कहां और कितने पौधे लगाए गए हैं, उसकी जानकारी दी जाए। हाईकोर्ट ने यह भी पूछा है कि पौधों की सप्लाई हुई है तो सप्लायर का भुगतान क्यों नहीं किया गया? यदि किया गया है तो कितना भुगतान किया गया और कितनी राशि रोकी गई है और क्यों रोकी गई है? उप वन मंडल अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे थे जिन्हें यह बताना था कि कितना राशि दिया गया और कितना बचा है, लेकिन उन्होंने भी कोई जानकारी प्रदान नहीं की। किसी तरह की जानकारी ने देकर अवहेलना की जा रही है। हाईकोर्ट ने 26 जुलाई 2021 को पुन: रिमाइंडर नोटिस सीसीएफ को जारी किया है। दो नोटिस के बाद भी जानकारी शून्य है। मुकेश ने हरियाली प्रसार योजना, कैम्पा सहित 3-4 योजनाओं में टेंडर प्राप्त कर 25 से 30 वाहन ट्रैक्टर, पिकअप, मेटाडोर किराए पर लेकर पौधों की सप्लाई की है जिसका भुगतान अब तक नहीं मिला है।

भुगतान के नाम पर जमकर बंदरबाट, बेटे के नाम काटे चेक


विभागीय विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2018 में हरियाली प्रसार योजना के तहत क्लोनल नीलगिरी एवं साधारण पौधों की सप्लाई हेतु परिवहन कराया गया था जिसमें मुकेश गोयल ने पौधे सप्लाई किए थे। इधर रेन्जरों ने भुगतान के नाम पर अलग कहानी कर ली। इसके लिए ट्रैक्टर क्र. सीजी-12 यूवी 1627 मालिक संतलाल रजवाड़े ग्राम झुनकीड़ीह मेरई जटगा व सीजी-12-1615 मालिक विद्यानंद मरकाम पिता मोहर सिंह राहा लाफा को उपयोग जटगा रेंज में किया गया।पौधा डंपिंग के एवज में ट्रैक्टर मालिक संतलाल को 11900, 16790, 19918, 29888 व 25314 रुपये भुगतान किया गया। इसी तरह मालिक विद्यानंद को 45190, 41110, 29886 व 25 हजार 314 रुपये का भुगतान किया गया। इस तरह जटगा, सुतर्रा, पाली रेंज से कुल 1 लाख 69 हजार 340 पौधों की डंपिंग के एवज में 2 लाख 45 हजार 300 रुपये का आपसी भुगतान कर लिया गया। सूत्र बताते हैं कि सीजी 12-1615 ट्रैक्टर पंजीकृत नहीं है व तत्कालीन रेन्जर ने बोगस नम्बर से परिवहन बताकर अपने पुत्र के नाम भुगतान जारी कराया। पौधे परिवहन का भुगतान के एवज में सभी रेंजों में जमकर बंदरबांट हुई। इसी बंदरबांट का खामियाजा आज पौधों के सप्लायर को भुगतना पड़ रहा है। तत्कालीन रेंजरों के कारनामे को अब लीपापोती करने में सभी अधिकारी जुटे हैं और शीर्ष अधिकारियों को नोटिस पर नोटिस मिल रही है।

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