कल्याण सिंह एक प्रतिबद्ध निर्णयकर्ता का नाम बन चुके थे-प्रधानमंत्री

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (बाबू जी) नहीं रहे। शनिवार रात 9 बजे उन्होंने 89 साल की उम्र में लखनऊ के SGPGI में आखिरी सांस ली। कल्याण सिंह 48 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। लखनऊ में उनके अंतिम दर्शन के लिए भीड़ उमड़ने लगी है। अभी उनका पार्थिव शरीर उनके आवास पर है। यहां से 11 बजे सड़क मार्ग से होते हुए विधानमंडल ले जाया जाएगा, जहां पक्ष और विपक्ष के कई बड़े नेता उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा भी लखनऊ पहुंच गए हैं। दोनों ने आवास पर पहुंचकर पूर्व सीएम को श्रद्धांजलि दी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन किया।

उधर, सुबह बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कल्याण सिंह का अंतिम दर्शन किया। मायावती ने यहां पूर्व सीएम के पौत्र से मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी पूर्व सीएम के आवास पर मौजूद हैं।

प्रधानमंत्री ने अंतिम दर्शन किया

प्रधानमंत्री ने अंतिम दर्शन के बाद मीडिया को संबोधित किया। बोले, ‘हम सब के लिए ये शोक की घड़ी है। कल्याण सिंह जी के माता-पिता ने उनका नाम कल्याण सिंह रखा था। उन्होंने अपने माता-पिता के दिए नाम को सार्थक किया। वो जीवन भर जनकल्याण के लिए जिए। जनकल्याण को ही अपना मन बनाया। उन्होंने अपना जीवन भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनसंघ और देश के लिए समर्पित कर दिया। कल्याण सिंह भारत के कोने-कोने में एक विश्वास का नाम बन गए थे।’

कल्याण सिंह एक प्रतिबद्ध निर्णयकर्ता

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘ कल्याण सिंह एक प्रतिबद्ध निर्णयकर्ता का नाम बन चुके थे। जीवन का अधिकतम समय उन्होंने जन कल्याण के लिए लगाया। उनको जब भी जो दायित्व मिला। उसे उन्होंने बखूबी निभाया। सरकार, संगठन जो भी दायित्व मिला उसे उन्होंने पूरा किया। देश ने एक मूल्यवान शख्सियत खोया है। मैं भगवान प्रभु श्री राम से प्रार्थना करता हूं कि वह उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। उनके परिवार और समर्थकों को ये दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।’

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