राणा कपूर की पत्नी बिंदु कपूर ने अपने 9 महीने के पोते को 40 करोड़ की प्रॉपर्टी गिफ्ट की है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राणा कपूर फिलहाल जेल में बंद हैं. राणा कपूर और उनके परिवार पर गलत तरीक से 4300 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है.
यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर का नाम तो सुना ही होगा. वे फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद हैं. राणा कपूर की पत्नी बिंदु कपूर ने अपने 9 महीने के पोते को एक प्रॉपर्टी गिफ्ट की है. इस प्रॉपर्टी की कीमत 40 करोड़ बताई जा रही है. Zapkey.com के मुताबिक, यह प्रॉपर्टी दिल्ली के जोरबाग में है और यह बिंदु कपूर के नाम पर थी. अब इसकी रजिस्ट्री उनके पोते अश्विन खन्ना के नाम पर हो गई है.
मनी कंट्रोल में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक, गिफ्ट डीड की तारीख 31 जुलाई 2021 है. इसके लिए स्टाम्प ड्यूटी 36.90 लाख रुपए की है. जोरबाग में यह प्रॉपर्टी करीब 370 स्क्वॉयर मीटर में फैली है. ग्राउंड फ्लोर पर 2BHK, लिविंग एरिया और पार्किंग स्पेस है. ग्राउंड फ्लोर का एरिया 161 स्क्वॉयर मीटर का है. डॉक्युमेंट के मुताबिक, बिंदु राणा कपूर को यह प्रॉपर्टी अपने पिता से मिली है. 2004 में उन्हें पैतृक संपत्ति से हिस्सा मिला था.
प्रॉपर्टी अटैचमेंट का लग रहा होगा डर
इस डील को लेकर लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अपने नजदीकी लोगों को गिफ्ट में प्रॉपर्टी देना गलत नहीं है. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को लगता है कि आने वाले दिनों उसके खिलाफ प्रॉपर्टी अटैचमेंट की कार्रवाई हो सकती है, ऐसे में वह प्रॉपर्टी ट्रांसफर का रास्ता अपनाता है. इस मामले को उस नजरिए से भी देखा जा सकता है.
PMLA कोर्ट से नहीं मिली राहत
21 जुलाई को राणा कपूर को PMLA कोर्ट से झटका लगा था. कोर्ट ने यस बैंक के फाउंडर की तरफ से एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट की गिरफ्तारी से बचने को लेकर दी गई अर्जी को खारिज कर दिया था. उनके वकीलों ने कहा कि इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है. ऐसे में उनके मुवक्किल को जेल में बंद रखने का कोई मतलब नहीं है. हालांकि कोर्ट ने इस दलील को नहीं माना. मार्च 2020 में राणा कपूर को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
4300 करोड़ की हेराफेरी का आरोप
यह मामला राणा कपूर फैमिली और DHFL प्रमोटर के बीच संदिग्ध लेन-देन से जुड़ा है. एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट का कहना है कि उनकी पत्नी बिंदु कपूर और तीन बेटियों के अकाउंट में 600 करोड़ रुपए कुछ कंपनियों से ट्रांसफर किए गए थे. इस कंपनी का कनेक्शन DHFL से है. DHFL के प्रमोटर भी अभी जांच के दायरे में हैं और जेल में बंद हैं. ED के मुताबिक, राणा कपूर और उनके परिवार के लोगों ने पद और पहुंच का गलत इस्तेमाल किया और करीब 4300 करोड़ रुपए की हेराफेरी की. DHFL पर करीब 14 हजार करोड़ के स्कैम का आरोप है. CBI का तो ये भी कहना है राणा कपूर ने रिश्वत लेकर कुछ कॉर्पोरेट को लोन बांटा जो बाद में NPA हो गया.
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