कोरबा 21 जुलाई (वेदांत समाचार) कोरबा में धर्मांतरण को लेकर पहली बार संपूर्ण हिंदू समाज एकत्र आया।
अलग अलग तरीके से लोगों को बरगलाने और अपने प्रभाव लेने के साथ धर्मांतरण कराने वाली कथित ताकतों को अब हिंदू समाज उन्हीं के अंदाज में कठोरता से जवाब देगा । इस विषय पर किसी भी स्तर तक जाने से परहेज नहीं किया जाएगा । हिंदू विरोधी अवांछित गतिविधियों में लगी शक्तियों को शांत बैठना ही होगा। कोरबा में आयोजित पहली बार आयोजित धर्म संसद में धर्मांतरण की ज्वलंत समस्या पर विचार करने के साथ कई रणनीतिक फैसले लिए गए। इन पर आगे बेहद प्रभावी ढंग से काम किया जाएगा।
हिंदू समाज से संबंधित विभिन्न घटक के 200 से ज्यादा धर्मनिष्ठ प्रतिनिधियों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से धर्म संसद में भागीदारी सुनिश्चित की। धर्म जागरण समन्वय विभाग ने इसका आयोजन किया। भारत माता की पूजा के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। धर्मांतरण से राष्ट्रान्तरण पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अतीत की कभी ना भूलने वाली घटनाओं, वर्तमान की चुनौतियां और भविष्य की चिंता को लेकर धर्म संसद में अनेक बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। धर्म जागरण समन्वय विभाग के प्रांत प्रमुख श्री राजकुमार चंद्रा ने छत्तीसगढ़ और विभिन्न क्षेत्रों में धर्मांतरण संबंधी प्रयासों के बारे में तथ्यों के साथ अपनी बात रखी। बताया गया कि किस तरह सरगुजा से लेकर जसपुर कोरबा और सुदूर बस्तर इलाके में धर्मांतरण की गतिविधियां मिशनरी के द्वारा चलाई जा रही हैं । इस घृणित कृत्य में जो लोग लगे हुए हैं वे आर्थिक रूप से कमजोर और स्वास्थ्यगत कारणों से परेशानी महसूस करने वालों को प्रलोभन और भय दिखा कर धर्मांतरण कर रहे हैं। प्रदेश में ऐसे कई घटनाक्रम सामने आए हैं। इसलिए हाल में ही सुकमा जिले के एसपी को सीधे तौर पर मिशनरियों की हरकतों पर केंद्रित पत्र सार्वजनिक करना पड़ा। जिसमें उनकी गतिविधियों की निगरानी करने की बात कही गई है। इसके अलावा सरगुजा मैं रोहिंग्या वर्ग की घुसपैठ के मामले को वहां के तहसीलदार ने पकड़ा। जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने भी ऐसे लोगों को पिछले दरवाजे से राशन कार्ड और अन्य दस्तावेज दिए जाने संबंधी हरकतों पर ना केवल आपत्ति जताई बल्कि अधिकारियों को भी सचेत कर दिया। स्पष्ट रूप से कहा गया कि धर्मांतरण से ना केवल सामाजिक ताना-बाना बिगड़ता है बल्कि डेमोग्राफी भी बुरी तरह से बाधित होती है। अविभाजित भारत का क्षेत्रफल 83 लाख वर्ग किलोमीटर था, जो आज की स्थिति में 33 लाख वर्ग किलोमीटर सिमट गया है। 50 लाख वर्ग किलोमीटर भूमि इस धर्मांतरण के कारण ही भारत से कट गई है। इस आधार पर व्यापक परिवर्तन और इसके दुष्प्रभावों को आसानी से समझा जा सकता है। इस अवसर पर उपस्थित प्रतिनिधियों ने अपने अपने क्षेत्र में चलने वाले आवासीय परिसर में प्रार्थना भवन, घर में होने वाली प्रार्थना तथा उसके कारण धर्मांतरण हिंदू की चिंता व्यक्त की। इस अवसर पर अनेक बंधुओं ने महत्वपूर्ण जानकारी दी, उनके बारे में आगे काम किया जाएगा। कार्यक्रम में मंचस्थ अतिथि समाज सेवी सत्येंद्र नाथ दुबे, किशोर बुटोलिया, रामविलास पाल, सहित धर्मजागरण समन्वय समिति के कार्यकरता शंकर साव,प्रांत योजना प्रमुख,दीपक शर्मा संभाग प्रमुख उपस्थित थे।
एकजुटता के साथ खड़ा हो हिंदू समाज
सामाजिक कार्यकर्ता किशोर बुटोलिया ने सारगर्भित बात रखते हुए आव्हान किया कि वर्तमान में कई प्रकार के खतरे कोरबा जिले में बने हुए हैं इसमें सबसे बड़ा खतरा धर्मांतरण का है । इससे जुड़े कारणों पर रौशनी डालने के साथ उन्होंने आव्हान किया कि हिंदू समाज को एकजुटता के साथ आगे आते हुए इन कांटो को नष्ट करना होगा। हिंदू समाज की सहिष्णुता को दूसरे लोग हल्के में ना लें, अब हमें इस बात को साबित करना ही होगा। वैदिक सनातन मूल्यों पर हम विश्वास करते हैं लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि अपने धर्म और समाज पर होने आघात को बर्दाश्त किया जाए। हमें अपने धार्मिक केंद्र पर आधारित गतिविधियां बढ़ाने के साथ संस्कार केंद्र प्रारंभ करते हुए हिंदू समाज की जरूरतों के लिए मजबूत कोश भी स्थापित करना होगा। इसी के साथ हम शक्ति संचय की दिशा में भी काम करेंगे।
कानूनी लड़ाई पर भी जोर
वरिष्ठ अधिवक्ता और छत्तीसगढ़ बार काउंसिल के सदस्य अशोक तिवारी ने भविष्य की योजनाओं के बारे में अपनी बात रखी । मिशनरी प्रायोजित धर्मांतरण के काम में सक्रिय लोगों की हिंदू धर्म विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने से संबंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी उन्होंने दी । बताया गया कि नियम विरुद्ध किए जा रहे कार्यों पर मट्ठा डालने के लिए धर्म जागरण समन्वय विभाग काम करेगा। हिंदू समाज इसमें अपनी भूमिका निभाएगा । इस दौरान हमारे सदस्यों से जुड़े अदालती मामलों को निशुल्क लड़ा जाएगा।
जागरूकता अभियान पर होगा काम
बहुत हुआ अब सहन नहीं करेंगे। जो जिस भाषा में समझेगा उसे उसी भाषा में समझाएगा हिंदू समाज
धर्म संसद में विभिन्न समाज के प्रतिनिधियों के द्वारा धर्मांतरण के क्रियाकलाप और इसके दुष्परिणाम की जानकारी दी गई ।इस आलोक में तय किया गया कि जल्द ही जिले में वृहद स्तर पर सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा जन जागरण अभियान शुरू किया जाएगा इसके जरिए लोगों को बताया जाएगा कि बीमार होने और किसी भी तरह की परेशानी होने पर वैज्ञानिक तौर तरीके ही काम आते हैं चंगाई सभा के द्वारा दिया जाने वाला पानी किसी का भी कुछ नहीं कर सकता लोगों को यह बात भरी बातें समझाई जाएगी इसी के साथ ऑपरेशन घर वापसी भी कराई जाएगी छत्तीसगढ़ में सामाजिक स्तर पर क्रांति करने वाले दिलीप सिंह जूदेव के द्वारा बीते दशक में युद्ध स्तर पर काम किया गया और हजारों की संख्या में धर्मान्तरित लोगों की घर वापसी कराई गई। इसलिए हमने तय कर लिया है कि अब धर्मांतरण के मामले में ईट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।
कार्यक्रम में हिन्दू समाज के विभिन्न घटक गायत्री परिवार, सिक्ख समाज,सेवा भारती, केंवट निषाद समाज, नेपाली समाज,स्वदेशी जागरण मंच,जैन समाज,हिन्दू जागरण मंच,मराठा समाज,अग्रवाल समाज/सभा,आर्ट ऑफ लिविंग,कोरबा जिला साहू समाज,पूर्वांचल विकास समिति,देवांगन समाज,जे सी आई,विद्या भारती,पतंजलि योग समिति,आर्य समाज,सिंधी समाज,गुजराती समाज,जैन मिलन, सतनाम समाज,धर्म सेना सहित पूरे समाज के लोग इस धर्म संसद में सम्मिलित हुये। कार्यक्रम का संचालन धर्मजागरण समन्वय विभाग के जिला संयोजक दिनेश भात्रा और धन्यवाद ज्ञापन नगर प्रमुख आशीष गोयल ने किया।
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