कोरबा 11 जुलाई (वेदांत समाचार)। यहांं वहां मछली और जीव जंतुओंं के अपशिष्ट और उनसे उठने वाली दुर्गंध लोगों केे लिए मुसीबत का कारण बन गई है। मुड़ापार बाजार क्षेत्र में नारकीय स्थिति की तस्वीरें काफी समय से बनी हुुई हैं इस मसले को हल करने के लिए कारोबारी उदासीन बने हुए हैं और सफाई तंत्र भी ध्यान नहीं देे रहा मौसम परिवर्तन केे सा इन कारणोंंं से महामारी फैलने की आशंका मजबूत होती जा रही है।
सप्ताहिक बाजार मुड़ापार मैं हर दिन मांसाहार की बिक्री करने वाला वर्ग सक्रिय है। रोजाना अपना कामकाज करने और लाभ अर्जित करने के साथ कारोबारी अपने घरों को लौट जाते हैं जबकि अपनी दुकान से निकलने वाले दूषित सामान को सडक़ के किनारे अथवा हाई मास्ट लाइट के आस पास फेंक दिया जाता है। यह सिलसिला काफी समय से यहां पर बना हुआ है। गर्मी बढऩे के साथ यहां से उठने वाली दुर्गंध का दायरा और ज्यादा हो गया है।
अपने कार्यों से विभिन्न क्षेत्रों को जाने वाले लोग इस रास्ते का उपयोग अब मजबूरीबस कर रहे हैं। एसईसीएल के मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय सेंट्रल वर्कशॉप रीजनल वर्कशॉप और भंडार के अलावा एसईसीएल की मानिकपुर परियोजना में काम करने के लिए कर्मचारियों का बड़ा हिस्सा इस इलाके से होकर जाता है। इस दौरान एसईसीएल केंद्रीय चिकित्सालय के आगे से गुजरने के दौरान लोगों को इतनी दिक्कत होती है कि वे परेशान होकर रह जाते हैं। लोगों ने बताया कि वर्तमान में जिस तरह का मौसम बना हुआ है और उस दौर में यहां से उठने वाली दुर्गंध कई प्रकार के खतरों को पैदा करने का जरिया बनती जा रही हैं। अगर समय रहते इस समस्या का उन्मूलन नहीं किया जाता है तो आने वाले दिनों में गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं।
अतिरिक्त सुरक्षा अपनाने पर भी असर नहीं
क्षेत्र से आवाजाही करने वाले लोगों ने बताया कि दुर्गंध का स्तर इतना ज्यादा हो गया है कि चेहरे पर 3 फेस कवर और दूसरे संसाधन का उपयोग करने पर भी कोई खास असर नहीं हो रहा है। आम लोगों हो रही इन दिक्कतों के बारे में आसपास के व्यवसायियों को भलीभांति जानकारी है लेकिन उनका धारा जस का तस बना हुआ है।
अस्थमा और एलर्जी के मरीज परेशान
प्रदूषणजनित इलाकों की समस्या के साथ-सथ भिन्न-भिन्न कारण से उठने वाली दुर्गंध के चक्कर में उन लोगों की मुसीबत और ज्यादा बढ़ रही है जो अस्थमा और एलर्जी की समस्या से जूझ रहे हैं। समस्याग्रस्त क्षेत्रों से गुजरने के दौरान उन्हें जो अनुभव हो रहे हैं वह काफी डरावने हैं। चिकित्सकों ने ऐसे लोगों को ऐसे घटिया इलाकों से बचने की सलाह दी है ताकि उनकी बीमारी का डायरा बढ़ ना सके।
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