IPS राहुल शर्मा के मौत की अनसुलझी पहेली ने अब एक नया मोड़ ले लिया है…

रायपुर। ADG जीपी सिंह पर राजद्रोह का मुकदमा दायर होने के बाद अब उनसे जुड़े पुराने केस पर भी न्यायिक जांच तेज हो रही है। ताजा मामला पूर्व एसपी राहुल शर्मा की मौत से जुड़ा है। इस मामले में शर्मा के वकील और पूर्व सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल ने न्यायिक कार्यवाही और साक्ष्य को प्रभावित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। आपको बता दें कि जिस समय राहुल शर्मा की मौत हुई थी उस समय जीपी सिंह बिलासपुर रेंज के आईजी थे।

IPS राहुल शर्मा के मौत की अनसुलझी पहेली ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। राहुल शर्मा के वकील प्रभाकर ग्वाल ने कहा कि राहुल शर्मा की मौत दिल्ली के आरुषि हत्याकांड के जैसा ही है। वकील प्रभाकर ग्वाल के मुताबिक राहुल शर्मा मौत मामले में वारदात वाली जगह में सभी व्यक्तियों के साक्ष्य नहीं लिए गए।इस पूरे मामले में राहुल शर्मा के वकीलों ने तत्कालीन आईजी जीपी सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

वकीलों की मानें तो राहुल शर्मा की मौत के बाद नाकेबंदी के दौरान भी कुछ अधिकारियों को छुपाकर शहर से बाहर भेजा गया था। वकीलों ने अब इस पूरे मामले में नए तरीके से समुचित कानूनी कार्यवाही किए जाने की मांग की है। जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को भी तैयार है।

 2002 बैच के आईपीएस अधिकारी राहुल शर्मा का शव 12 मार्च 2012 को बिलासपुर पुलिस ऑफिसर्स मेस में पाया गया था। पुलिस ने कहा, उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। एक सप्ताह पहले ही उन्हें बिलासपुर का एसपी बनाकर भेजा गया था। उनकी आत्महत्या के बाद पुलिस और प्रशासनिक हलके में हड़कंप की स्थिति बनी थी। एक वरिष्ठ आईपीएस और न्यायिक सेवा के एक अधिकारी पर उंगली भी उठी।  कई वर्षों की जांच के बाद भी सीबीआई किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई। उसके बाद सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट लगा दिया था। लेकिन सूबे में सरकार बदलते ही राहुल शर्मा मौत मामले की दोबारा जांच शुरु की गई।

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