मेडिकल टीचर्स के साथ चलने का मौका मेरे जीवन का सबसे संतोषप्रद पल : टीएस सिंहदेव

0 कोरोना काल में सेवा के लिये 13 डॉक्टरों को विशेष अवार्ड, 85 को प्रतीक चिन्ह व 560 जूनियर डॉक्टरों को दिए सर्टिफिकेट
रायपुर 04 जुलाई (वेदांत समाचार)। पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को महाविद्यालय परिसर के नवनिर्मित स्व. अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में चिकित्सक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस सम्मान समारोह में महाविद्यालय के उन वरिष्ठ एवं कनिष्ठ चिकित्सकों का सम्मान किया गया जिन्होंने कोविड-19 वैश्विक महामारी की बेहद विषम परिस्थितियों में भी उत्साह, लगन और साहस के साथ अपने चिकित्सकीय कर्तव्यों का निर्वहन किया। सम्मान समारोह में 13 डॉक्टरों को कोरोना काल में उनके साहसिक एवं अभूतपूर्व योगदान के लिए विशेष सम्मान दिया गया वहीं 85 डाॅक्टरों को प्रतीक चिन्ह देकर तथा 560 सर्टिफिकेट जूनियर डॉक्टरों को प्रदान कर कोरोना काल में उनके निरंतर सेवाओं के प्रति आभार प्रकट किया गया।


इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा व विकास उपाध्याय, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर.के. सिंह, अधिष्ठाता डॉ. विष्णु दत्त और अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनित जैन उपस्थित थे।
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा चिकित्सा महाविद्यालय में पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कोविड महामारी के पिछले 15 महीनों में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा किये गये प्रशंसनीय कार्यों का विवरण दिया। उन्होनें बताया कि इस अस्पताल को कोविड बनाने के लिये तीन विभागों को अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित करना पड़ा फिर भी चिकित्सकों ने अबाध गति से मरीजों की सेवाएं जारी रखीं। कोरोना की पहली लहर में जब कड़े लाॅकडाउन और कर्फ्यू के दौरान प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल निरंतर कोविड और नान कोविड मरीजों की सेवा करता रहा। यही वजह है कि उन सभी का आभार प्रकट करने के लिये मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के इतिहास में पहली बार इतने व्यापक स्तर पर चिकित्सकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया।


महाविद्यालय के सभागार में सभी डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि चिकित्सक सम्मान समारोह के जरिये मुझे अपनी बात कहने का मौका मिला है। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन रायपुर के तत्वावधान में सभी डाॅक्टर्स को जिन्हें हम भगवान का स्वरूप भी कहते हैं, उन्हें वो स्वरूप प्रदान करने वाले मेडिकल टीचर्स को सम्मानित करते हुए आभार भी व्यक्त करते हैं। निः संदेह भगवान से हम जीवन जोड़ लेते हैं लेकिन जब यमराज आते हैं तो वहां भी जीवनरक्षा का कोई जवाब नहीं मिलता और इस बीच अगर कोई जीवन देता है तो वो डाॅक्टर हैं। डाॅक्टर, वो हुनर भी है, वो जिम्मेदारी भी है, वो मान्यता भी है वो जवाबदेही भी है और उसका भाग्य भी है। शायद ही किसी मानव समूह को ऐसी दृष्टि और खूबियों से देख के नवाजा जाता है, समाज द्वारा। सभी मानव, धरती के इन देव स्वरूप मानवों की ऐसी भावनाओं से निःसंदेह प्रेरणा लेते होंगे। इस वृहद सम्मान समारोह में अवार्ड्स दिये, मान्यता दिये, पहचान दी और वो भी किसी को छोड़कर नहीं। हर व्यक्ति जो संगठन का सदस्य है, सबको आपने एक मान्यता दी। उसके लिए डाॅ. नेरल और सबको बहुत-बहुत बधाई। इस सम्मान समारोह के क्रम में पहले जिन डॉक्टरों ने अवार्ड प्राप्त किया उसमें से तीन डॉक्टरों ने मुझे भी कोरोना से बचाया। मैं उनका उन बाबत हमेशा ही आभारी रहूंगा। लेकिन साथ ही हम सदैव आभार व्यक्त करते रहेंगे कि किन चुनौतीपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों में आपने संभाला।

श्री सिंहदेव ने कहा कि कोरोना के शुरूआती दिनों में जब परिस्थितियां जोखिम पूर्ण थीं उस समय परिस्थितियों को जानते हुए भी कोई बहुत बड़ा और जिम्मेदार समूह खड़ा था तो वह सरकारी अस्पतालों के डाॅक्टरों का था, मेडिकल काॅलेज के डाॅक्टरों का था। पीपीई किट्स नहीं थे, जिनकी अनिवार्यता बहुत ज्यादा थी और अन्य बीमारियों के लिए जो किट्स थे उनका प्रयोग करके शुरूआती दौर को झेल के जो आत्मविश्वास सिस्टम के प्रति बढ़ाया, लोगों के मन में बढ़ाया, मैं समझता हूं कि शासकीय अस्पतालों के प्रति लोगों की भावनाओं को मोड़ने में उस चुनौती के काल ने बहुत बड़ा काम किया। आप खड़े रहे बाकी कोई मैदान में खड़ा नहीं दिखता था। और आपको जो सबसे नजदीकी से परिस्थिति की खतरनाक संभावनाओं को समझते हुए अगर आप लोग खड़े रहे, वह बहुत बड़ी बात थी। मैं बार-बार ये उदाहरण देता हूं, मेरी मम्मी जिनके लिये जीवन के आखिरी तीन-चार सालों में बार-बार अस्पताल जाना पड़ता था। अस्पताल के डाॅक्टरों ने मेरी मम्मी का जीवन काल तीन से चार साल बढ़ाया। आपको ये मालूम है संक्रमण की स्थिति वहीं (अस्पतालों में) सबसे ज्यादा है जहां आप काम करते हैं, वहां चौबीस घंटे आप रहते हैं, पेशेंट की भलाई के लिए अगर आप कहते हैं जितना जल्दी हो सके ठीक होने पर मरीज को घर ले जाओ। वहां मैं नहीं समझता की समाज सही मायने में इन बातों को समझता भी है और आप लोगों के योगदान का सहीं मूल्यांकन कर पाता है। डॉक्टरों ने समाज को जितना दिया, शायद ही समाज कभी उसका आकलन कर पाये।


कोविड के पहली लहर में बात आयी थी अलग-अलग जगह कोविड प्रबंधन को स्थापित करने की भी, उस समय अंततः यह निर्णय लेना पड़ा कि आप लोगों के कंधों पर जवाबदारी डाले बिना इस समस्या का हल नहीं निकल सकता और हुआ भी वही। आप लोगों ने जो सेवा उपलब्ध कराई, वह नहीं होता तो आज छत्तीसगढ़ में कोरोना प्रबंधन की सर्वत्र सराहना नहीं होती।
उस समय टेस्टिंग की बात आई, उसके साथ में जो विश्वसनीयता हासिल की वह अद्वितीय रहीं। आप लोगों ने जो देखभाल की, उसका यही प्रमाण है कि उन दिनों लोगों की पहली च्वाइस मेडिकल कॉलेज अस्पताल रही। आप लोगों के प्रमुख च्वाइस में थे। हम लोगों के पास फोन आते थे लोग अम्बेडकर अस्पताल जाना चाहते थे। यह मूल्यांकन का आधार था।


मेडिकल काॅलेज अस्पताल की मार्केट वेल्यू बनाने में आप लोगों ने सशक्त योगदान किया, बहुत मदद की छत्तीसगढ़ शासन की, उसका आभार। बहुत सारी चुनौतियां उनके रहते हुए भी आप कभी काम करने में पीछे नहीं हटे। आने वाले समय में जैसी भी परिस्थितियां बने, जितनी भी व्यवस्थाएं आधुनिक से आधुनिक बन सके, उन सभी के लिये प्रयास करेंगे। आज कई ऐसे उपकरण हैं जो आधुनिक से आधुनिक हैं। व्यवस्था को और सुदृढ़ करके उच्चतम कोटि की नागरिक सेवाएं सुलभ हो सकें, इन जिम्मेदारियों को निभाउंगा।
मुझे बहुत खुशी होती है कि आप लोगों के साथ चलने का मौका मिला। यह मेरे जीवन के सबसे संतोषप्रद पलों का वो सफर रहा है जिन्हें मैं कभी नहीं भूल पाउंगा। आप लोग मेडिकल टीचर्स है, मुझे भी आपने बहुत कुछ सिखाया है। आप लोगों के साथ-साथ जानते रहेंगे, समझते रहेंगे, उसी भावना से आपको देखते रहेंगे जैसे लोग आपको ईश्वर तुल्य सम्मान की दृष्टि से देखते हैं।
विधायक विकास उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोविड-19 की भयावह स्थिति में जब बड़े-बड़े देषों ने घुटने टेक दिए तब हमारे सरकारी अस्पतालों में इतने जागरूक लोग थे जिन्होंने इतनी त्रासदीपूर्ण महामारी में अपनी परवाह नहीं की अपने परिवार की भी परवाह नहीं की। डाॅक्टर अपने आप में भगवान के रूप में इस धरती पर है। जब आदमी को लगता है कि मैं नहीं बच पाउंगा तो पहले भगवान के पास जाता है और डाॅक्टर के पास जाता है। मैंने तो सैकड़ों उदाहरण देखे हैं। यहां पर बहुत सारे डाॅक्टर हैं जिन्होंने ऐसी परिस्थिति में मदद करने का काम किया है जब लोगों ने घुटने टेक दिया। आपके विभाग को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस पवित्र कार्यक्रम का हिस्सा बनने का मौका दिया। आप लोगों की पूरी दुनिया को कितनी जरूरत है वह कोविड महामारी ने लोगों को समझा दिया। पुनः आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की सचिव डाॅ. जया लालवानी ने कहा कि मेकाहारा की मार्केट वेल्यू बढ़ी है, माननीय स्वास्थ्य मंत्री महोदय ने हमें आज यह अहसास दिलाया है, अपने संस्थान के लिए हम और मेहनत करेंगे और आपके मापदंड पर खरे उतरने की कोशिश करेंगे। हमारे विशिष्ट अतिथि हमारे स्वास्थ्य मंत्री ने एक कैप्टन की तरह सब तूफानों के बीच से वो हमारी कश्ती निकाल कर लाए हैं।
इस आयोजन में चिकित्सा महाविद्यालय एवं उससे संबद्ध अम्बेडकर अस्पताल के कार्डियोलॉजी, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, मनोरोग, निश्चेतना, कैंसर, रेडियोलॉजी, नेत्र रोग, मेडिसिन, कान-नाक-गला, त्वचा रोग, अस्थि रोग, पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, एनाटाॅमी, कम्युनिटी मेडिसिन, प्रीवेंटिव सोशल मेडिसिन तथा अन्य विभाग के सभी डॉक्टरों को उनके सेवा के सम्मान के तौर पर प्रशस्ति प्रदान किया जिसे संबंधित विभाग के विभागाध्यक्षों ने ग्रहण किया। आयोजन में एसोसिएशन के डाॅ. जया लालवानी, डॉ. ओंकार खंडवाल, डॉ. देवप्रिया लकरा, डॉ. निर्मल वर्मा, डॉ. आर.एल. खरे, डॉ. देबाप्रिय रथ, डॉ. दिवाकर धुरंधर और अन्य सदस्यों का सक्रिय योगदान रहा। सभी वरिष्ठ एवं कनिष्ठ चिकित्सकों को सम्मानित कर प्रषस्ति पत्र प्रदान किया गया। डॉक्टर्स डे के उपलक्ष्य में वृहद स्तर पर आयोजित ब्लड डोनेशन कैम्प के सफल आयोजन के लिए जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। विदित हो कि ब्लड डोनेशन कैम्प में 163 से भी अधिक चिकित्सक एवं चिकित्सा छात्रों ने रक्तदान किया था। डॉक्टर्स डे पर आयोजित रंगोली एवं पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत कार्यक्रम के दौरान पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. ओंकार खंडवाल ने आभार प्रकट किया।
00 इन्हें मिला विशेष सम्मान
कोरोना काल में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए डाॅ. ओ. पी. सुंदरानी, डाॅ. आर. के. पंडा, डाॅ. संदीप चंद्राकर, डाॅ. संतोष सिंह पटेल, डाॅ. डी. पी. लकरा, डाॅ. ओंकार खंडवाल, डाॅ. राबिया परवीन सिद्दीकी, डाॅ. निकिता शेरवानी, डाॅ. निर्मल वर्मा, डॉ. कमलेश जैन, डाॅ. स्निग्धा जैन तथा डॉ. देबाप्रिय रथ को सम्मान मिला।

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