डॉक्टर्स भगवाान का दूसरा रुप होते हैं – प्राचार्य डाॅ. संजय गुप्ता

⭕नेशनल डॉक्टर डे के अवसर पर इंडस पब्लिक स्कूल दीपका द्वारा डाॅक्टर्स के प्रति व्यक्त किया गया सम्मान

⭕किया गया डाॅक्टर्स के सम्मान में सेमीनार का आयोजन

⭕सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने डाॅक्टर्स के सम्मान में व्यक्त किए अपने विचार।

⭕राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर इंडस पब्लिक स्कूल, दीपका के टीम के द्वारा चिकित्सकों के योगदान को सराहा गया।

कोरबा 1 जुलाई (वेदांत समाचार) यह तो हम सभी जानते हैं कि समाज में डाॅक्टर्स का क्या और कितना योगदान होता है।यदि हम इन्हें भगवान का दूसरा रुप भी मान लें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।समाज में इस पेशे का योगदान अतुलनीय और सम्माननीय होता है।इस प्रोफेशन को बड़े सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।भारत में 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस यानी नेशनल डाॅक्टर्स डे के तौर पर मनाया जाता है।यह दिन देया के महान चिकित्सक और च,िचम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ विधान चंद्र राॅय की याद में मनाया जाता है।


दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में सभी चिकित्सकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हूए उनके समाज के प्रति योगदान को सलाम किया गया।चिकित्सकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए विद्यालय में शिक्षक्ष-शिक्षिकाओं के द्वारा एक परिचचा का आयोजन किया गया।सभी शिक्षक-शिक्षिकओं ने क्रमशः अपने विचार व्यक्त कर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। शिक्षिका श्रीमती सोनल मलिक ने कहा कि हमारे समार में चिकित्सकों का योगदान अद्वितीय होता है।आज प्रत्येक घरों में डाॅक्टर्स की जरुरत होती है।क्यों कि आज के परिवेश में हमारा खानपान ही अशुद्ध हो गया है और तो और आज की स्थिति में जन्म से लेकर मृत्यु तक डा्क्टर्स की आवश्यकता होती है। भारत में डाॅक्टर्स को ऊँचा दर्जा दिया जाता है।डाॅक्टर्स का मुख्य उद्देश्य लोगों की सेवा करना होता है।हमें इनके प्रति हमेशा अपने दिल में आदर का भाव रखना चाहिए।


गौततलब हो कि विगत वर्ष भी विद्यालय परिसर में कोरबा जिले के अनेक डाॅक्टर्स को स्मृति चिन्ह और कोविड वारियर्स के रुप प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया था।विद्यालय हमेशा से ही सामाजिक सहभागिता के कार्यों में अपनी सहभागिता निभाता रहा है।विद्यालय के सभी स्टाॅफ ने डाॅक्टर्स के प्रति सम्मान व्यक्त किया।


विद्यालय के प्राचार्य डाॅ0 संजय गुप्ता ने कहा कि चिकित्सकों का समाज में एक अलग ही स्थान होता है।उनके प्रति हमारे मन में हमेशा सम्मान होना चाहिए।।चिकित्सकों का पेशा निःस्वार्थ रुप से सेवा का रोगियों को स्वस्थ्य लाभ पहुँचाने का होता है।हम भले ही छोटी मोटी बीमारियों जैसे सर्दी, बुखार;इत्यादि का घर में ही इलाज कर लें लेकिन गंभीर बीमारियों के लिए हमें डाॅक्टर्स के पास ही जाना होता है।ये हमारे समाज के अति आवश्यक व अभिन्न अंग हैं।ये ईश्वर का जीता-जागता स्वरुप होते हैं।हमें हर पल इनका सम्मान करना चाहिए।

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