मुंबई। भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा ने टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिये ‘दजारा 4’ नामक घोड़ी का चयन किया है। इससे उन्होंने अपने पहले ओलंपिक से पूर्व घोड़े के चयन को लेकर बनी असमंजस की स्थिति भी समाप्त कर दी। इंद्रजीत लांबा और इम्तियाज अनीस के बाद मिर्जा तीसरे भारतीय घुड़सवार हैं जिन्होंने ओलंपिक खेलों की इवेंटिंग स्पर्धा में व्यक्तिगत स्थान हासिल किया है। अनीस इन खेलों में भाग लेने वाले आखिरी भारतीय घुड़सवार थे। उन्होंने सिडनी ओलंपिक 2000 में वाइल्ड कार्ड से प्रवेश किया था
मिर्जा ने गुरुवार को वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैंने टोक्यो में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिये जिस घोड़े का चयन किया है वह ‘दजारा 4’ है। हम अच्छी तैयारियां कर रहे हैं और हम तोक्यो में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इतिहास रचने की राह पर हैं और यह घोड़ी इसमें हमारी मदद करेगी और मैं उसके साथ खेलों में भाग लेने को लेकर उत्सुक हूं।’’ मिर्जा ने कहा, ‘‘वह (दजारा 4) एक सुंदर घोड़ी है और मुझे पूरा विश्वास है कि वह इस खेल की तरफ लोगों का ध्यान खींचने में सफल रहेगी और उम्मीद है कि युवा इस खेल को अपनाने के लिये प्रोत्साहित होंगे। ’’
मिर्जा ने कहा कि उनके अनुभवी घोड़े ‘सिगनुर मेडिकोट’ पर ‘दजारा 4’ को प्राथमिकता देना मुश्किल फैसला था। मेडिकोट के साथ उन्होंने जकार्ता एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत मुश्किल फैसला था। दोनों घोड़े बहुत अच्छे हैं और मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे पास वे दोनों हैं।’’ मिर्जा ने कहा, ‘‘ओलंपिक में क्रास कंट्री के बाद दो दौर शो जंपिंग के होंगे और यह मेडिकोट का कमजोर पक्ष है। यह असल में मुख्य कारण है कि हमने सिगनुर मेडिकोट की जगह दजारा को लेने का फैसला किया। ’
इस अर्जुन पुरस्कार विजेता ने कहा कि वे किसी भी अन्य प्रतियोगिता की तरह ओलंपिक की तैयारियां भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दजारा ने पिछले सप्ताहांत पोलैंड में नेशन्स कप में भाग लिया और दूसरे स्थान पर रही। अभी वह एक सप्ताह का विश्राम कर रही है और इसके बाद हम लय पकड़ लेंगे। ’’ टोक्यो ओलंपिक 23 जुलाई से आठ अगस्त के बीच होंगे।
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