रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आह्वान पर पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक जुलाई से रोका-छेका अभियान शुरू हो रहा है। अभियान के तहत शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में पशुओं को खुले में छोड़ने से रोकने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सरकार के इस अभियान को लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि ये अभियान मवेशियों और जानवरों के लिए नहीं हैं, बल्कि ये मनुष्यों के लिए है। जिस तरह मवेशी सड़कों में बैठ कर लोगों को आने जाने से रोकते हैं, उससे तो ऐसा ही प्रतीत होता है।
महंगाई को लेकर कांग्रेस के धरना प्रदर्शन पर पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार कंगाल हो चुकी है, सरकार के पास पैसा नहीं है। उनके पास कोई काम नहीं बचा है। अगर कोई सरकार काम करने की बजाय आंदोलन करती है, तो इससे साबित होता है कि वह सरकार विफल है।
बता दें कि मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में खरीफ फसल को खुले पशुओं की चराई से बचने के लिए रोका-छेका अभियान का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गांवों में बैठक कर रोका-छेका अभियान के लिए चरवाहों को पशुओं को एक जगह रोकने और उन्हें गौठान मे एकत्र करने की जिम्मेदारी दी जाए। सभी गांवों में एक साथ रोका-छेका किया जाए, जिससे फसलों को नुकसान नहीं हो।
[metaslider id="347522"]