चकचकवा पहाड़ : कोरबा की एक अनोखी धरोहर, जहां हनुमान जी के पैरों के निशान हैं श्रद्धा का केंद्र

कोरबा, 11 फरवरी । जिले के कटघोरा में स्थित चकचकवा पहाड़ हनुमान भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण आस्था का केंद्र है. कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर, कटघोरा-अंबिकापुर नेशनल हाईवे पर स्थित यह पहाड़ न केवल सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है, बल्कि हनुमानजी के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा का भी प्रतीक है.

मौजूद है हनुमान जी के पैरों के निशान
स्थानीय लोगों का मानना है कि माता सीता की खोज में हनुमान जी यहीं आए थे और कुछ समय के लिए इस पहाड़ पर ठहरे थे. इस दौरान, उनके पैरों के निशान पहाड़ पर बन गए थे, जो आज भी मौजूद हैं और भक्तों के लिए श्रद्धा का विषय बने हुए हैं.

साल भर के भीतर पूरी होगी मनोकामना
पहाड़ पर हनुमान और भगवान राम का एक मंदिर है, जहां हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी संदीप उपाध्याय बताते हैं कि भगवान हनुमान के पदचिह्नों के पास एक विशेष पेड़ है, जिस पर लोग अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए नारियल बांधते हैं. मान्यता है कि यहां विश्वास के साथ मांगी गई मन्नतें भगवान हनुमान एक वर्ष के भीतर ही पूरी कर देते हैं. 70 के दशक में वीरान पहाड़ी पर हनुमान मंदिर की स्थापना की गई थी. पदचिह्न एक गड्ढेनुमा आकृति में हैं, जिसमें बारह महीने पानी भरा रहता है.

भक्तों की भीड़ के कारण बन गया पर्यटन स्थल
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, तत्कालीन कलेक्टर अशोक अग्रवाल ने चकचकवा पहाड़ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कराया था. यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान राम और हनुमान के दर्शन मात्र से अपने आप को सौभाग्यशाली मानते हैं.

हनुमान जयंती पर विशेष अनुष्ठान का आयोजन
हनुमान जयंती के अवसर पर यहां विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं और विशाल मेला लगता है. कोरबा ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश से हनुमान भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर यहां पहुंचते हैं. पौराणिक मान्यताओं के कारण, इस पहाड़ी का ऐतिहासिक महत्व है और यह आस्था और पर्यटन का एक अनूठा संगम है. चकचकवा पहाड़, कोरबा जिले की एक ऐसी धरोहर है जो हर साल हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है.