भारतीय पुस्तक प्रकाशकों ने OpenAI के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में कॉपीराइट मामला दर्ज किया

नई दिल्ली,25 जनवरी 2025 – भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पुस्तक प्रकाशकों ने OpenAI के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में कॉपीराइट उल्लंघन का मामला दायर किया है। यह मामला ChatGPT जैसे एआई टूल्स द्वारा कॉपीराइट सामग्री का उपयोग किए जाने के खिलाफ है।

यह हाल ही में दुनियाभर में दायर कई ऐसे मामलों में से एक है, जहां लेखक, समाचार एजेंसियां और संगीतकार आरोप लगा रहे हैं कि उनकी कॉपीराइट सामग्री का इस्तेमाल एआई सेवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए किया गया है।

नई दिल्ली स्थित फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स ने पुष्टि की कि उन्होंने दिसंबर में यह मामला दायर किया था। इसमें फेडरेशन के सदस्यों जैसे ब्लूम्सबरी, पेंग्विन रैंडम हाउस, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, पैन मैकमिलन, भारत की रूपा पब्लिकेशंस और एस. चंद एंड कंपनी का प्रतिनिधित्व किया गया है।

प्रकाशकों की मांग

फेडरेशन के महासचिव प्रणव गुप्ता ने बताया कि उनकी मांग है कि OpenAI को कॉपीराइट सामग्री तक पहुंचने से रोका जाए। उन्होंने कहा, “अगर वे लाइसेंसिंग के लिए तैयार नहीं हैं, तो उन्हें एआई प्रशिक्षण में उपयोग किए गए डेटा को हटाना चाहिए और यह बताना चाहिए कि हमें किस प्रकार मुआवजा मिलेगा। इससे हमारी रचनात्मकता प्रभावित हो रही है।”

OpenAI पर आरोप और प्रतिक्रिया

OpenAI ने इन आरोपों का जवाब नहीं दिया है। हालांकि, कंपनी ने पहले कहा है कि उसके एआई सिस्टम सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा का “फेयर यूज़” करते हैं। OpenAI, जिसने 2022 में ChatGPT लॉन्च किया था, ने पिछले साल $6.6 बिलियन का निवेश जुटाकर एआई रेस में आगे बढ़ने की कोशिश की है।

ANI के मामले में शामिल होने की कोशिश

भारतीय फेडरेशन, Microsoft समर्थित OpenAI के खिलाफ ANI समाचार एजेंसी द्वारा दायर मामले में शामिल होने का प्रयास कर रही है। यह मामला भारत में एआई और कॉपीराइट के विषय पर सबसे चर्चित कानूनी प्रक्रिया है। मुंबई के वकील सिद्धार्थ चंद्रशेखर ने कहा, “यह मामला एआई से जुड़े कानूनी ढांचे को आकार देने वाला एक महत्वपूर्ण क्षण हो सकता है।” हालांकि, OpenAI ने ANI के मामले में कहा है कि यदि प्रशिक्षण डेटा हटाने का आदेश दिया जाता है, तो यह अमेरिका में उनके कानूनी दायित्वों का उल्लंघन होगा और भारतीय अदालतों को कंपनी के खिलाफ कॉपीराइट मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है क्योंकि इसके सर्वर विदेशों में स्थित हैं।

बिक्री और रचनात्मकता पर प्रभाव

फेडरेशन ने दावा किया है कि OpenAI की ChatGPT सेवा, पुस्तक सारांश और अन्य सामग्री मुफ्त में प्रदान करके उनके व्यवसाय को नुकसान पहुंचा रही है। गुप्ता ने कहा, “अगर यह मुफ्त टूल पुस्तक सारांश और अंश प्रदान करता है, तो लोग किताबें क्यों खरीदेंगे? इससे बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”

पुस्तकों पर कॉपीराइट चेतावनी

पेंग्विन रैंडम हाउस ने नवंबर में एक वैश्विक पहल शुरू की थी, जिसमें उनकी पुस्तकों पर एक कॉपीराइट चेतावनी जोड़ी गई है: “इस पुस्तक के किसी भी भाग का उपयोग एआई तकनीकों को प्रशिक्षित करने के लिए नहीं किया जा सकता।” आगे की सुनवाई इस मामले को 10 जनवरी को कोर्ट के रजिस्ट्रार के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था, जिसने OpenAI से जवाब मांगा है।

अब इस मामले की सुनवाई 28 जनवरी को होगी। यह मामला भारत में एआई और कॉपीराइट के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए कानूनी दिशा तय कर सकता है और रचनात्मक उद्योगों पर एआई के प्रभाव को समझने में मदद करेगा।