प्रयागराज I बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी, जो 90 के दशक में अपनी फिल्मों और चर्चाओं के लिए जानी जाती थीं, अब आध्यात्मिक जीवन का नया अध्याय शुरू कर चुकी हैं. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान, ममता ने संगम में तीन डुबकियां लगाई, अपना पिंडदान किया और किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर का पदभार संभाला. इस ऐतिहासिक क्षण ने उन्हें अब “ममता नंद गिरि” के नाम से नई पहचान दी है.
महाकुंभ में महामंडलेश्वर बनने के बाद ममता कुलकर्णी ने कहा, “यह सब महादेव और महाकाली की इच्छा थी. मुझे अपने गुरु का आदेश मिला और आज मैं यह पद संभाल रही हूं.”
संगम में डुबकी कर किया अपना पिंडदान
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने ममता नंद गिरी का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि किन्नर अखाड़े ने बॉलीवुड की पूर्व एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया है. उनका नाम श्री यमाई ममता नंद गिरि रखा गया है. वह पिछले डेढ़ साल से किन्नर अखाड़े और मेरे संपर्क में हैं.”
ममता ने स्पष्ट किया कि वह शादी नहीं करना चाहतीं. उन्होंने कहा, “मैं 50 साल की हो चुकी हूं और अब मेरा पूरा जीवन ईश्वर को समर्पित है. मैं आध्यात्मिक चर्चाओं में भाग लेना और लोगों को जोड़ना चाहती हूं.”
फिल्मी करियर से आध्यात्मिक सफर तक
20 अप्रैल 1972 को मुंबई में जन्मी ममता कुलकर्णी ने 1992 में फिल्म ‘तिरंगा’ से बॉलीवुड में कदम रखा था. ‘आशिक’, ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’, ‘करण अर्जुन’ जैसी हिट फिल्मों में अपने अभिनय और ग्लैमर से उन्होंने खूब शोहरत हासिल की. लेकिन 2002 में ‘कभी तुम कभी हम’ के बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया. 2013 में ममता ने अपनी आत्मकथा ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ एन योगिनी’ रिलीज की, जिसमें उन्होंने बताया कि उनका जीवन ईश्वर के लिए समर्पित है.