0 मध्य भारत के जाने-माने कैंसर विशेषज्ञ हैं डॉ.रवि, कम समय में ही कैंसर चिकित्सा क्षेत्र में बनाई है अपनी विशिष्ट पहचान।
रायपुर, 17 जनवरी (वेदांत समाचार)। कम समय में कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले मध्य भारत के जाने-माने कैंसर एवं रक्त रोग विशेषज्ञ डॉ.रवि जायसवाल ने 65 वर्षीय महिला श्रीमती भोज सिन्हा को बोन मैरो ट्रांसप्लांट कर उनकी दोबारी लौटी मल्टीपल मायलोमा ब्लड कैंसर की गंभीर बीमारी का इलाज कर उन्हें नया जीवन दिया है, राजधानी रायपुर स्थित रामकृष्णकेयर हॉस्पिटल में डॉ.जायसवाल ने उक्त महिला का सफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट कर पुनः इतिहास दोहराया है। यहॉं उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी डॉ.रवि जायसवाल ने एक अन्य 65 वर्षीय वृद्ध महिला का सफलतापूर्वक बोन मैरो ट्रांसप्लांट कर इतिहास रचा था, जबकि 60 वर्ष से ऊपर की आयु के किसी व्यक्ति का बोन मैरो ट्रांसप्लांट करना अत्यंत रिस्की होता है।
छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर कांकेर के ग्राम चिनौरी के रहने वाले अखिलेश सिन्हा बताते हैं कि उनकी 65 वर्षीय माता श्रीमती भोज सिन्हा मल्टीपल मायलोमा नामक ब्लड कैंसर से ग्रसित हो गई थी, उनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराया, किन्तु ठीक होने के कुछ समय बाद पुनः बीमारी लौट आई, मैंने पुनः अस्पतालों में मॉं को दिखाया, इसी बीच मेरे रिश्तेदारों ने मुझे सलाह दी कि मैं राजधानी रायपुर स्थित रामकृष्ण केयर हास्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे कैंसर विशेषज्ञ डॉ.रवि जायसवाल से मिलू। मैं डॉ.रवि जायसवाल को अपनी मॉं को दिखाया, उन्होने उनकी विभिन्न प्रकार की जांच की तथा बताया कि इनकी बीमारी का उचित इलाज बोन मैरो ट्रांसप्लांट करके ही किया जा सकता है, मैंने अपनी सहमति दी, मॉं का इलाज शुरू हुआ तथा लगभग 15 दिन की विभिन्न प्रक्रिया अपनाने के पश्चात डॉ.रवि जायसवाल ने मॉं का सफलतापूर्वक बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया, अब मेरी मॉं पूर्णतः स्वस्थ हैं, मैं डॉ.रवि जायसवाल जी के प्रति हृदय से आभारी हूॅं कि उन्होने मेरी मॉं को नया जीवन दिया है। श्री सिन्हा ने कहा कि समूचे इलाज के दौरान डॉ.रवि जायसवाल का कुशल व्यवहार, उनकी संवेदनशीलता व उनके द्वारा दिए गए मनोवैज्ञानिक सपोर्ट के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूॅं।
कैंसर चिकित्सा की गहरी समझ
कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ . रवि जायसवाल ने कम समय मे बड़ा नाम अर्जित किया है। कैंसर के विभिन्न रूपों तथा उनके सफलतम इलाज की गहरी समझ ने डॉ. रवि जायसवाल को इस मुकाम तक पहुचाया है, कि आज मुम्बई , सिकंदराबाद, बेगलुरु, पुणे, हैदराबाद सहित अन्य बड़े शहरों के सुप्रसिद्ध कैंसर हॉस्पिटलों में ईलाज कराने के बाद मरीज डॉ. रवि जायसवाल के पास अपना आगे का इलाज कराने पहुंच रहे है।
विभिन्न प्रदेशों के मरीज पहुंचते है इलाज कराने
एक सफल कैंसर रोग विशेषज्ञ की पहचान बनाने वाले डॉ. रवि जायसवाल मरीजों एवं परिजनों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं, मरीजों एवं उनके परिजनों से उनका आत्मीय व्यवहार काबिले तारीफ है, वे मरीजों को मानसिक व आर्थिक सपोर्ट देते हैं, उनकी परेशानियों का उचित समाधान उपलब्ध कराते हैं। डॉ.रवि जायसवाल से मिलने व बात करने के पश्चात कैंसर मरीज एवं उनके परिजनों का कान्फिडेंस काफी बढ़ जाता है तथा कैंसर के प्रति उनके नजरिये में अत्यंत सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है। डॉ.रवि जायसवाल के सौम्य व्यवहार, लोकप्रियता एवं उनकी प्रोफेशनल सक्सेज के परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश, उडी़सा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशों के कैंसर मरीज अपना इलाज कराने उनके पास पहुंचते है।
कैंसर रोग अब असाध्य नहीं
सुप्रसिद्ध ऑन्कोलॉजिस्ट व हिमेटोऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रवि जायसवाल का कहना है कि कैंसर के प्रति आम लोगों को जागरूक होना अतिआवश्यक है, कैंसर रोग अब असाध्य नहीं रह गया, इसका पूर्ण इलाज संभव है तथा ऑपरेशन के बिना भी कैंसर का इलाज किया जा रहा है। परिवार के किसी सदस्य को यदि कैंसर डायग्नोस होता है तो परिवारजनों को इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है, जरूरत है उसके समयबद्ध इलाज की, समुचित देखभाल की तथा इलाज के प्रोटोकाल का पूर्ण रूप से पालन किये जाने की।
सकारात्मक सोच बेहतर इलाज में सहायक
डॉ.रवि जायसवाल कहते हैं कि मरीज की सकारात्मक सोच उसके बेहतर इलाज में सहायता देती है। ’’ मैं लडूंगा, फाईट करूंगा और कैंसर को हराऊंगा ’’ यह सोच होनी चाहिए कैंसर के मरीज की, उसकी यह सोच बीमारी और उसके इलाज में सकारात्मक प्रभाव डालती है। डॉ.रवि जायसवाल बार-बार कहते हैं कि कैंसर अब असाध्य नहीं है, उसका पूर्ण इलाज होता है, कैंसर को पूरी तरह हराया जा सकता है, केवल जरूरत है बेहतर इलाज की।