आमतौर पर सड़क हादसे में अकसर एक्सीडेंट करने वाले लोग मौके से फरार हो जाते हैं. और मौके पर मौजूद लोग हादसे के शिकार हुए व्यक्ति की मदद करने से केवल इसलिए कतराते है कि वे खुद किसी परेशानी में न फंस जाएं. हादसे का शिकार हुए व्यक्ति के लिए एक-एक मिनट कीमती होता है. इसी को नजर में रखते हुए नितिन गडकारी की तरफ से एक बयान सामने आया है.
लोग क्यों नहीं करते मदद?
बहुत से केस में यह देखा गया है कि हिट एंड रन के केस में पुलिस को कोई गवाह नहीं मिल पाता. ऐसे में जिस व्यक्ति ने पुलिस को कॉल कर घटना की जानकारी दी है पुलिस उसे ही गवाह बनाने की कोशिश करती है. सड़क हादसे में घायल की मदद करने के बदले कानूनी पचड़ों से फंसने से बचने के लिए लोग पुलिस कॉल करने या फिर मदद करने से भी बचते हैं. कई मौकों पर मदद करने वाले व्यक्ति को पुलिस उलटे केस में फंसाने की धमकी देकर उसे मजबूरन गवाह बनाने का प्रयास भी करती है.
इनाम राशि में होगी बढ़ोत्तरी
दरअसल, नितिन गडकरी ने कहा है कि उनका मंत्रालय अब रोड हादसे में शिकार हुए व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने वाली लोगों को मिलने वाले इनाम को बढ़ा रही है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि इस इनाम की राशि को अब 5 गुना बढ़ा दिया जाएगा. यानी जो 5000 की राशि पहले मिलती थी, वह अब 25000 हो जाएगी.
ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री को दिए गए आदेश
एक टीवी कार्यक्रम के दौरान अनुपम खेर के साथ बातचीत में गडकरी ने कहा कि मौजूदा राशि उस व्यक्ति के लिए काफी कम है, जो हादसे का शिकार हुए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा है. इसलिए उन्होंने रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री से इस राशि को बढ़ाने के आदेश दिए है.
साल 2021 में आई थी पॉलिसी
भारत सरकार ने अक्टूबर 2021 से सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए इनाम राशि की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में जरूरतमंदों को मदद करने वालों को प्रमाण पत्र जारी किया जाता है ताकि यह सुनश्चित किया जा सके कि सही व्यक्ति तक ही पैसा पहुंच रहा है.