धनबाद,12 जनवरी 2025: झारखंड में धनबाद (Dhanbad) के स्कूल में हुई घटना ने झकझोर कर रख दिया है. आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने छात्राओं की शर्ट उतरवा दी और उन्हें बिना शर्ट के ब्लेजर में घर भेजा. झारखंड अभिभावक संघ ने इस घटना के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को एक पत्र लिखकर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इसमें कहा गया है
कि झारखंड पैरेंट्स एसोसिएशन ने धनबाद के स्कूल में छात्राओं के साथ हुई घटना की घोर निंदा की है. यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
दरअसल, यह घटना बीते 9 जनवरी की है. धनबाद के प्रतिष्ठित स्कूल में 10वीं की छात्राएं प्री बोर्ड के आखिरी पेपर के दिन पेन डे मना रही थीं. छात्राएं अपनी सहेलियों को शुभकामनाएं दे रही थीं और शर्ट पर ऑटोग्राफ दे रही थीं, ताकि ये अच्छी यादें सहेज सकें. छात्राओं का यह जश्न स्कूल की प्रिंसिपल को पसंद नहीं
आया और वह इससे नाराज हो गईं. इसके बाद करीब 80 छात्राओं से जबरन शर्ट उतरवा दी. छात्राओं को बिना शर्ट के ब्लेजर में घर भेज दिया गया. छात्राएं रोती रहीं, लेकिन स्कूल प्रबंधन पर इसका कोई असर नहीं हुआ. बार-बार अनुरोध के बावजूद प्रबंधन ने नहीं सुनी. यह घटना CCTV में कैद हो गई और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
स्कूल में हुई इस घटना को लेकर छात्राओं के अभिभावक भड़क गए. नाराज अभिभावकों ने धनबाद की डीसी माधवी मिश्रा से मुलाकात की. उन्होंने प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. अभिभावकों ने प्रिंसिपल के खिलाफ गिरफ्तारी और एफआईआर की मांग की. अभिभावकों ने कहा कि स्कूल प्रबंधन की इस हरकत से छात्राएं मानसिक तनाव में हैं. उनकी बोर्ड परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो सकती है.
अभिभावक बच्चियों को समझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने सवाल किया कि अगर इन लड़कियों में से कोई अपनी जान को खतरे में डालती तो इसका जिम्मेदार कौन होता? डीसी से मिलने अभिभावकों के साथ भाजपा विधायक रागिनी सिंह भी पहुंचीं थीं.
धनबाद के स्कूल में हुई घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि ये झकझोर देने वाली और शर्मसार करने वाली घटना है. प्रतुल ने कहा कि राज्य सरकार इस घटना को कवर अप करने में लगी है.
उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो भाजपा सड़क पर उतरेगी. उन्होंने कहा कि बच्चियों और उनके अभिभावकों के द्वारा डीसी के पास शिकायत करने के बावजूद अभी तक कड़ी कार्रवाई होती नहीं दिख रही है.