दिल्ली सरकार ने बुधवार को फ्रंटलाइन वर्कर्स को लेकर एक बड़ा ऐलान किया. सरकारी आदेश के मुताबिक, दिल्ली के 5,000 युवाओं को मेडिकल असिस्टेंट के तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा. कोरोना जैसी महामारी में लोगों की सेवा में इन फ्रंटलाइन वर्कर्स को तैनात किया जाएगा. इन युवाओं को दिल्ली के डॉक्टर्स और नर्स की देखरेख में ट्रेनिंग दी जाएगी. युवाओं और युवतियों को प्रशिक्षण देने के लिए गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी का चयन किया गया है. पूर्व में इस यूनिवर्सिटी का नाम इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी (IP university) था. अब भी इसी नाम से मशहूर है. दिल्ली के 9 बड़े मेडिकल इंस्टीट्यूट्स में छात्र-छात्राओं को आईपी यूनिवर्सिटी की तरफ से ट्रेनिंग दी जाएगी.
कोरोना महामारी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. पिछली लहर हो या इस बार की दूसरी लहर, दिल्ली में फ्रंटलाइन वर्कर्स की अहमियत काफी देखी गई. मरीजों की देखभाल से लेकर हाल में शुरू हुए टीकाकरण तक के काम में फ्रंटलाइन वर्कर्स ने अभी पूरी जिम्मेदारी निभाई है. आशंका तीसरी लहर की जताई जा रही है, जिसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने फ्रंटलाइन वर्कर्स के संबंध में यह फैसला लिया है. सरकार की तरफ से कुछ न्यूनतम योग्यताएं निर्धारित की गई हैं. इन योग्यताओं को जो युवा-युवतियां पूरा करती हैं, वे आईपी यूनिवर्सिटी के अंतर्गत ट्रेनिंग ले सकते हैं.
हेल्थ असिस्टेंट के लिए योग्यता
-12वीं पास होना जरूरी- यानी कि जो छात्र-छात्राएं 12वीं क्लास की परीक्षा पास कर चुके हैं, वे इस ट्रेनिंग के लिए योग्य माने जाएंगे. 12वीं की योग्यता इसलिए रखी गई है ताकि मेडिकल की थोड़ी बहुत समझ हो. मेडिकल के टर्म और काम को समझते हुए असिस्टेंट की ट्रेनिंग ले सकें. फिर उसी ट्रेनिंग के आधार पर आपातकाल में लोगों को अपनी सेवा दे सकें.
-18 वर्ष से ज्यादा हो उम्र- हेल्थ असिस्टेंट की ट्रेनिंग लेने के लिए इच्छुक छात्र-छात्राओं की उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. इस उम्र के लड़के-लड़कियां ट्रेनिंग लेकर सेवा क्षेत्र में उतर सकते हैं. काम चूंकि कठिन माना जाता है, खतरों के बीच रहकर लोगों की सेवा करनी होती है, इसलिए उम्र में मैच्योरिटी को देखते हुए यह उम्र सीमा रखी गई है.
आवेदन के लिए क्या करना होगा, क्या है नियम
मेडिकल असिस्टेंट के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है और 17 जून दिन गुरुवार से अमल में आ गई है. इच्छुक छात्र दिल्ली सरकार की वेबसाइट से जानकारी प्राप्त कर आवेदन कर सकते हैं. दिल्ली सरकार ने कम्युनिटी नर्सिंग असिस्टेंट या मेडिकल असिस्टेंट या हेल्थ असिस्टेंट के पद पर आवेदन मंगाना शुरू भी कर दिया है. दिल्ली सरकार के मुताबिक, आवेदन करने के इच्छुक छात्र delhi.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन और अप्लाई कर सकते हैं.
कैसे होगी ट्रेनिंग
ट्रेनिंग के लिए ‘पहले आओ-पहले पाओ’ (first come first serve) की व्यवस्था बनाई गई है. यानी जो लोग पहले रजिस्ट्रेशन और अप्लाई कर देंगे, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर मौका दिया जाएगा. योग्यता चूंकि 12वीं पास और 18 साल न्यूनतम उम्र रखी गई है, इसलिए भीड़ बढ़ने की संभावना है. इसे देखते हुए सरकार ने ‘फर्स्ट कम-फर्स्ट सर्व’ का नियम अपनाया है. इसकी ट्रेनिंग 28 जून से शुरू होगी जो 2 हफ्ते के लिए चलेगी. हर बैच में 500 कैंडिडेट्स को ट्रेनिंग दी जाएगी.
क्या होगा काम
जैसा कि खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया है, ट्रेनिंग लेने वाले युवा डॉक्टर और नर्स के असिस्टेंट के तौर पर काम करेंगे. इन छात्र-छात्राओं को नर्सिंग, पैरामेडिक्स, लाइफ-सेविंग, फर्स्ट एड और होम केयर की ट्रेनिंग दी जाएगी. इन बातों से साफ है कि कोरोना जैसी महामारी में लोगों की दिक्कतों को देखते हुए आगे ऐसी स्थिति न पनपे, फ्रंटलाइन वर्कर्स की कमी न हो, मेडिकल एड की कमी से किसी मरीज की जान न जाए, इसे देखते हुए दिल्ली सरकार की तरफ से तैयारी पुख्ता की जा रही है.
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