आतिशी ने तानिया सचदेव को प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित

नई दिल्ली,06 जनवरी 2025। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने 45वीं शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीत कर भारत का नाम रौशन करने वाली ग्रैंड मास्टर तानिया सचदेव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

सुश्री आतिशी ने शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव का नेहरू एनक्लेव स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में स्वागत करते हुए कहा कि जब हम किसी फील्ड में शुरुआत कर रहे होते हैं तो हमें हमेशा रोल मॉडल्स की जरूरत होती है। आज मुझे खुशी है कि हमारे स्कूल के छात्रों के सामने एक ऐसी ही रोल मॉडल तानिया सचदेव हैं। तानिया ने 2006 और 2007 में दो बार भारतीय महिला शतरंज चैंपियन बनीं।

वर्ष 2007 में वह एक बार एशियाई महिला शतरंज चैंपियन भी बनीं। वहीं, 2015 में तानिया सचदेव ने एशियाई कॉन्टिनेंटल महिला रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। तानिया सचदेव 2016, 2018 और 2019 में तीन बार कॉमनवेल्थ महिला शतरंज चैंपियन रह चुकी हैं। सितंबर 2024 में, तानिया सचदेव भारतीय टीम का हिस्सा थीं, जिसने 45वीं शतरंज ओलंपियाड में बुडापेस्ट, हंगरी में महिला श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। यह भारत का पहला ओलंपियाड स्वर्ण था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि दिल्ली से हमारी चेस चैंपियन इस टीम का हिस्सा थीं। मुझे लगता है कि तानिया का सर्वोदय कन्या विद्यालय में आना सिर्फ इनके सम्मान के लिए नहीं है बल्कि हमारे स्कूलों में जो छात्र शतरंज खेलते हैं, यह उन लोगों को आगे के लिए प्रोत्साहित करने में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। तानिया भी दिल्ली के स्कूल से पढ़ी हैं।

उन्होंने कहा कि शतरंज एक ऐसा खेल है जो दिमाग के लिए जिम की तरह काम करता है। हम जब शतरंज खेलते हैं और उसमें एक कदम लेते हैं तो हम चार और कदमों के बारे में पहले से ही सोचकर रखते हैं। शतरंज खेलते वक्त हम प्लान करते हैं कि अगर हम एक कदम लेंगे तो सामने वाला कौन सा कदम ले सकता है। एक समय पर हम अनेक संभावनाएँ देख रहे होते हैं।

मुझे यह लगता है कि यह खेल सिर्फ आगे चलकर शतरंज में करियर बनाने वालों के लिए नहीं है बल्कि यह डॉक्टर, इंजीनियर, वकील या किसी भी क्षेत्र में मदद करता है।। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने 45वीं शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीत कर भारत का नाम रौशन करने वाली ग्रैंड मास्टर तानिया सचदेव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

सुश्री आतिशी ने शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव का नेहरू एनक्लेव स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में स्वागत करते हुए कहा कि जब हम किसी फील्ड में शुरुआत कर रहे होते हैं तो हमें हमेशा रोल मॉडल्स की जरूरत होती है। आज मुझे खुशी है कि हमारे स्कूल के छात्रों के सामने एक ऐसी ही रोल मॉडल तानिया सचदेव हैं। तानिया ने 2006 और 2007 में दो बार भारतीय महिला शतरंज चैंपियन बनीं।

वर्ष 2007 में वह एक बार एशियाई महिला शतरंज चैंपियन भी बनीं। वहीं, 2015 में तानिया सचदेव ने एशियाई कॉन्टिनेंटल महिला रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। तानिया सचदेव 2016, 2018 और 2019 में तीन बार कॉमनवेल्थ महिला शतरंज चैंपियन रह चुकी हैं। सितंबर 2024 में, तानिया सचदेव भारतीय टीम का हिस्सा थीं, जिसने 45वीं शतरंज ओलंपियाड में बुडापेस्ट, हंगरी में महिला श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। यह भारत का पहला ओलंपियाड स्वर्ण था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि दिल्ली से हमारी चेस चैंपियन इस टीम का हिस्सा थीं। मुझे लगता है कि तानिया का सर्वोदय कन्या विद्यालय में आना सिर्फ इनके सम्मान के लिए नहीं है बल्कि हमारे स्कूलों में जो छात्र शतरंज खेलते हैं, यह उन लोगों को आगे के लिए प्रोत्साहित करने में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। तानिया भी दिल्ली के स्कूल से पढ़ी हैं।

उन्होंने कहा कि शतरंज एक ऐसा खेल है जो दिमाग के लिए जिम की तरह काम करता है। हम जब शतरंज खेलते हैं और उसमें एक कदम लेते हैं तो हम चार और कदमों के बारे में पहले से ही सोचकर रखते हैं। शतरंज खेलते वक्त हम प्लान करते हैं कि अगर हम एक कदम लेंगे तो सामने वाला कौन सा कदम ले सकता है। एक समय पर हम अनेक संभावनाएँ देख रहे होते हैं। मुझे यह लगता है कि यह खेल सिर्फ आगे चलकर शतरंज में करियर बनाने वालों के लिए नहीं है बल्कि यह डॉक्टर, इंजीनियर, वकील या किसी भी क्षेत्र में मदद करता है।