देश के ज्यादातर राज्यों में अब कोरोना कर्फ्यू की पाबंदियां नियमों के साथ हटा ली गई हैं। बाजार, शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट समेत मेट्रो और अन्य परिवहन व्यवस्थाओं को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जा चुकी है। लेकिन अचानक दी गई इस छूट के बाद पूरे देश के राज्यों में जो माहौल है उससे गृह मंत्रालय की चिंता बढ़ गई है। बुधवार को गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में इसे लेकर चर्चा हुई। उसके बाद देशभर के सभी राज्यों को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से निर्देश जारी किए गए कि छूट तो मिली है लेकिन कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन होना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने भी इस बैठक में बताया अगर हालात लापरवाही भरे रहे तो तीसरी लहर बहुत भयावह हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस बात की आशंका हुई कि जिस तरीके से अचानक सड़कों पर भीड़ बढ़नी शुरू हुई उससे काबू में आ रहे कोविड के मामलों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बात की चिंता स्वास्थ्य मंत्रालय और देश के अन्य राज्यों के मुख्य सचिव के साथ भी साझा की। सूत्रों का कहना है गृह मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय समेत देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए हैं कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन ना करने पर सख्ती बरती जाए। खासकर जो लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं और मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक आईसीएमआर और कोरोना पर रखने वाली सरकारी संस्थाओं ने पहले ही आगाह किया है कि अगर हम लोग छूट के साथ कोविड प्रोटॉकाल का पालन नहीं करेंगे तो हालात बहुत ज्यादा बिगड़ सकते हैं। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक अभी भी हमारे देश में महज पांच फीसदी से भी कम लोगों को ही पूरी तरह से टीका लगा है। क्योंकि इस महामारी में टीका ही एक उपाय है और अभी बहुत बड़े स्तर पर टीकाकरण चल रहा है लेकिन इसका प्रतिशत बहुत कम है। ऐसे में सड़कों पर निकली भीड़ तीसरी लहर को दावत दे रही है।
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना कहते हैं कि उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने वालों पर सख्ती की जाए। खन्ना कहते हैं कि अभी भी कोरोना का वायरस हमारे बीच में है। जरा सी लापरवाही से उसकी सक्रियता बढ़ सकती है और हालात बदल सकते हैं। इसलिए लोगों को और प्रशासन को भी उतना ही अलर्ट रहना होगा। लोगों को नियमों का पालन करना होगा और प्रशासन को उसका पालन करवाना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के जिला स्तर पर सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मास्क न पहनने वालों के चालान ज्यादा से ज्यादा किए जाएं। इसके अलावा नाइट कर्फ्यू पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। लोग रात को न सड़कों पर निकले, न ही बगैर अनुमति के पार्टी और कार्यक्रम का आयोजन करें। इसी तरीके से मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी पूरी तैयारियां कर ली हैं। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जब सब कुछ अनलॉक हो रहा है तो लोगों को ज्यादा से ज्यादा सजग करने के लिए जिला प्रशासन ने महकमों की अलग-अलग टीमें तैयार की हैं। जो पाबंदियों के दौरान सड़कों पर निकलती हैं और लोगों को अलर्ट करती हैं। मुंबई का धारावी बना मॉडल मुंबई में जब सबसे ज्यादा इस महामारी के मरीज आ रहे थे तो एशिया की सबसे घने स्लम धारावी में कोरोना के मामलों की संख्या अचानक बढ़ने लगी। क्योंकि इस इलाके में सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व है इस वजह से मामले बहुत ज्यादा आ रहे थे। बुधवार को मुंबई के धारावी में सिर्फ एक कोरोना का मरीज मिला। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी प्रशंसा करते हुए कहा की जब इतनी सघन आबादी में कोरोना को कंट्रोल किया जा सकता है तो बाकी जगहों पर भी नियमों का पालन करके इस महामारी को रोका जा सकता है।
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