नई दिल्ली ,01 जनवरी 2025: जब पूरी दुनिया 1 जनवरी को नया साल मनाती है, तो हिंदू धर्म के अनुसार नव वर्ष की शुरुआत अलग समय पर होती है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से नव वर्ष हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक वर्ष का पहला महीना चैत्र होता है, और यह नव वर्ष चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से मनाया जाता है। विक्रमादित्य के समय लगभग 2000 साल पहले इस पंचांग की शुरुआत की गई थी, और उन्होंने इसे पूरे भारत में फैलाया था।
2025 में हिंदू नव वर्ष कब होगा…
आपको बता दें कि साल 2025 में हिंदू नव वर्ष 30 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन विक्रम संवत 2082 की शुरुआत होगी। इस दिन को विशेष रूप से शुभ माना जाता है क्योंकि इसे सृष्टि की रचना से जुड़ा हुआ दिन माना जाता है। हिंदू धर्म में इसे धार्मिक कार्यों, पूजा और नए साल का स्वागत करने के लिए आदर्श दिन माना जाता है।
धार्मिक परंपराओं और पूजन विधि
हिंदू नव वर्ष के दिन खास पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन भगवान श्री गणेश, देवी-देवताओं, वेद शास्त्र और पंचांग का पूजन किया जाता है। यह दिन विशेष रूप से धार्मिक कार्यों को करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
विक्रम संवत और जूलियन कैलेंडर का अंतर
1 जनवरी को जो पश्चिमी कैलेंडर के अनुसार नया साल मनाया जाता है, वह जूलियन कैलेंडर पर आधारित होता है। जबकि हिंदू पंचांग में विक्रम संवत के हिसाब से नव वर्ष मनाया जाता है। जूलियन कैलेंडर में साल 2025 चल रहा है, जबकि हिंदू कैलेंडर के हिसाब से यह संवत 2082 होगा। दोनों कैलेंडर के बीच लगभग 57 साल का अंतर होता है, यानी हिंदू नव वर्ष अंग्रेजी नव वर्ष से लगभग 57 साल आगे होता है। इस प्रकार, जबकि 1 जनवरी को दुनिया भर में नया साल मनाया जाता है, हिंदू धर्म के अनुसार नव वर्ष की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है, जो इस साल 30 मार्च 2025 को पड़ेगा। यह दिन धार्मिक कार्यों के लिए विशेष महत्व रखता है और भारतीय परंपराओं में इस दिन विशेष पूजा और उत्सव मनाए जाते हैं।