सीएमडी के आश्वासन पर खदान बंद हड़ताल को टाला विस्थापितों ने

कोरबा,01 जनवरी 2025 (वेदांत समाचार) । एसईसीएल के कुसमुंडा,गेवरा,दीपका क्षेत्र के प्रभावित गांव के भू विस्थापितों ने छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित संगठन के नेतृत्व में लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण,खमहरिया की जमीन किसानो को वापस करने एवं बसावट गांव में मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की मांग को लेकर 1 जनवरी को कुसमुंडा खदान बंद हड़ताल करने की घोषणा की थी हड़ताल से पहले सीएमडी ने किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल को चर्चा के लिए बुलाया बैठक में एसईसीएल से सीएमडी, डीपी, डीटी के साथ बोर्ड मेंबर और कुसमुंडा जीएम किसान सभा और भू विस्थापित संगठन की ओर से प्रशांत झा,रेशम यादव,दामोदर श्याम उपस्थित थे रोजगार को लेकर सकारात्मक चर्चा के बाद किसान सभा ने 1 जनवरी को खदान बंद हड़ताल को स्थागित करने की घोषणा की है ।उल्लेखनीय है कि 23 दिसंबर को बिलासपुर मुख्यालय के सामने भू विस्थापितों द्वारा अर्द्धनग्न घेराव प्रदर्शन करते हुए सभी खातेदारों को रोजगार देने के साथ पूर्व में अधिग्रहित जमीन किसानो को वापस करने की मांग की थी एसईसीएल मुख्यालय के सामने प्रदर्शन करने के बाद कार्मिक निर्देशक बिलासपुर मुख्यालय की अध्यक्षता में बैठक कर समस्याओं का समाधान का लिखित आश्वासन दिया गया था जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।लेकिन भू विस्थापितों की समस्याओं के संबंध में हुए बैठक में भू विस्थापितों की समस्याओं के समाधान को लेकर गंभीरता से पहलकदमी बिलासपुर मुख्यालय के अधिकारियों ने नहीं की फिर 1 जनवरी को होने वाले खदान बंद हड़ताल को टालने के लिए गुमराह करने की बात करते रहे जिसके बाद भू विस्थापितों की बातों को गंभीरता से नहीं सुनने पर किसान सभा और भू विस्थापितों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए नए साल के पहले दिन 1 जनवरी को कुसमुंडा खदान बंद हड़ताल की घोषणा की थी हड़ताल से पहले बिलासपुर मुख्यालय में सीएमडी ने रोजगार के संबंध में बैठक बुलाई बैठक में सीएमडी, डीपी, डीटी के साथ बोर्ड मेंबर और कुसमुंडा महाप्रांधक की उपस्तिथि में बैठक हुई बैठक में पुराने रोजगार प्रकरणों के निराकरण के संबंध में विस्तार से चर्चा के बाद सभी रोजगार प्रकरणों में तेजी से कार्यवाही कर रोजगार प्रदान करने का आश्वासन सभी बोर्ड मेंबरों ने दिया।

बैठक में सीएमडी प्रेमसागर मिश्रा ने कहा कि जिनकी भी जमीन अधिग्रहण हुई है उन्हे अधिग्रहण के समय नियम अनुसार रोजगार प्रदान किया जाएगा साथ ही जिन भी मूल भू विस्थापितों की जगह कोई गलत तरीके से रोजगार कर रहा है उनपर एक महीने में कार्यवाही कर मूल खातेदारों को रोजगार प्रदान किया जाएगा साथ ही रोजगार प्रकरणों की निगरानी के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी।

किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने अधिकारियों से साफ कहा की सभी भू विस्थापित किसानों जिनकी जमीन एसईसीएल ने अधिग्रहण किया है उन सभी खाते पर भू विस्थापितों को स्थाई रोजगार एसईसीएल को देना होगा। हर साल एक नौकरी देकर गुमराह करना बंद करे प्रबंधन नही तो आगे पुन: उग्र आंदोलन किया जाएगा।

भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम,रेशम यादव ने बैठक में कहा कि 1978 से लेकर 2004 के मध्य कोयला खनन के लिए जमीन को अधिग्रहित किया गया है लेकिन तब से अब तक विस्थापित ग्रामीणों को न रोजगार दिया गया है न पुनर्वास ऐसे प्रभावितों की संख्या सैकड़ों में है। प्रत्येक खातेदार को रोजगार दिया जाए नहीं तो संघर्ष और तेज होगा।किसान सभा और भू विस्थापित संगठन ने बैठक में सभी अधिकारियों से कहा की भू विस्थापितों की समस्याओं को लेकर 10 दिनों में सकारात्मक पहल होता नहीं दिखा तो उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। भू विस्थापित जिनकी जमीन सन 1978 से 2004 तक अर्जन की गई उन प्रत्येक खातेदार को रोजगार संबंधित प्रक्रिया पूरी कर जल्द रोजगार प्रदान किया जाएद्य जिन भू विस्थापितों का फाइल बिलासपुर मुख्यालय में है उन्हे तत्काल रोजगार प्रदान किया जाए। पूर्व में अधिग्रहित खमहरिया की जमीन मूल किसानों को वापस की जाए। भैसमाखार के विस्थापित को बसावट प्रदान किया जाए।