बलरामपुर,01 जनवरी 2025 (वेदांत समाचार) | बलरामपुर रामानुजगंज। नगर में बीते 10 वर्षों से मंदिर के सभी पुजारीयो को नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल के द्वारा अपनी ओर से प्रत्येक महीने प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। हिंदुओं के आस्था के केंद्र के रूप में स्थापित नगर के सभी 14 मंदिरों के पुजारीयो को प्रत्येक महीने 1000 का मानदेय प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जा रहा हैं।
गौरतलब है कि जनवरी 2014 में नगर पंचायत अध्यक्ष के रूप में रमन अग्रवाल के द्वारा पदभार ग्रहण किया गया था पदभार ग्रहण करने के बाद उनके द्वारा घोषणा की गई थी कि अपने वेतन का 1 भी अपने निजी कार्य के लिए उपयोग नहीं करूंगा इसके बाद से उन्होंने अपने पूरे वेतन की राशि को नगर के मंदिरों के पुजारीयो को देने की घोषणा की थी। नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल के द्वारा शासन से मिलने वाली 7400 रुपए की मानदेय राशि में अपने निजी व्यापार से होने वाले आमदनी को मिलाकर नगर के 14 मंदिर के पुजारीयो को प्रत्येक माह 1000 प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जा रही है। मंदिर के पुजारीयो ने बताया कि नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल के द्वारा 2014 से प्रत्येक माह 1000 हम लोगों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
इन मंदिरों के पुजारी को दी जाती है प्रोत्साहन राशि मां महामाया मंदिर, श्री राम मंदिर, प्राचीन हनुमान मंदिर, शिव मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, मां गायत्री मंदिर, शिव हनुमान मंदिर वार्ड क्रमांक 5, दुखेश्वर महादेवमंदिर, थाना परिसर शिव मंदिर, ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, श्री रानी सती दादी मंदिर, श्री राधा कृष्ण मंदिर, श्री दुर्गा माता मंदिर सीआरपीएफ कैंप। वेतन की राशि का नहीं किया निजी उपयोग नगर पंचायत अध्यक्ष को मानदेय के रूप में 7400 प्रत्येक माह मिलता है परंतु नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल के द्वारा वेतन की राशि का कभी भी निजी उपयोग नहीं किया गया। शासन की ओर से मिलने वाली मानदेय की राशि में अपने निजी व्यवसाय से होने वाली आमदनी को मिलाकर मंदिर के पुजारीयो को प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का कार्य किया।
इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल ने कहा कि मैंने पूर्व में संकल्प लिया था कि निर्वाचन के बाद मंदिर के सभी पुजारीयो को प्रोत्साहन राशि दूंगा। 2014 में जब मैं नगर पंचायत अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया उसके बाद से ही मैंने अपने पूर्व संकल्प के अनुसार मंदिर के सभी पुजारीयो को प्रोत्साहन राशि देना चालू कर दिया जिससे मंदिरों में अपनी सेवाएं दे रहे पुजारीयो को थोड़ी राहत मिल सके। मेरा प्रयास था कि यह राशि बढ़े परंतु अफसोस रहा कि यह राशि मैं नहीं बढ़ा सका।