Robotic Surgery in CG : रायपुर में डॉक्टरों ने रोबोट की मदद से किया पेंक्रियाज की गांठ का ऑपरेशन

Robotic Surgery in CG : रायपुर,24 दिसम्बर . मोवा स्थित श्री बालाजी हॉस्पिटल में चेयरमैन डॉ देवेंद्र नायक और डॉ पुष्पेंद्र नायक के नेतृत्व में 26 वर्षीय मरीज के पेंक्रियाज में मौजूद गाठ का रोबोट की मदद से सफल ऑपरेशन किया गया.

गैस्ट्रो सर्जन और लीवर ट्रांस्प्लांट विशेषज्ञ डॉ पुष्पेंद्र नायक (Dr. Pushpendra Naik) ने बताया कि अस्पताल में 26 वर्षीय एक महिला मरीज पहुंची. उन्हें करीब 1 महीने से पेट में दर्द था. यहां स्क्रिनिंग के बाद पता चला कि मरीज के पेंक्रियाज में करीब 8X6 सेंटीमीटर बड़ी एक गांठ मौजूद है. इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन की प्लानिंग की, तो जांच में पाया कि उक्त ट्यूमर ने खून की नसों को भी अपने जाल में ले लिया है, जिसके कारण लेप्रोस्कोपिक तरीके से ऑपरेशन में भी कई प्रकार की दिक्कतें आएगी और मरीज के शरीर से खून के रिसाव समेत अन्य जटिलताएं भी बढ़ जाएगी.

श्री बालाजी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम और मरीज

यही कारण है कि डॉक्टरों ने रोबोट की मदद से ऑपरेशन की पूरी तैयारी की. डॉ पुष्पेंद्र नायक कहते है कि लेप्रोस्कोपिक तरीके से ऑपरेशन में 3 डिग्री में ऑपरेशन हो सकता है, लेकिन रोबोटिक ऑपरेशन में डॉक्टर फिजिक्स के मुताबिक 7 डिग्री मूवमेंट कर के ऑपरेशन कर सकते है. करीब साढ़े 3 घंटे चले इस ऑपरेशन के बाद मरीज अब पूरे तरीके से स्वस्थ्य है और वे ऑपरेशन के 3-4 दिन बाद अपनी सामान्य दिनचर्या में मरीज लौट गई थी. बता दें कि अस्पताल में अब तक 50 से अधिक रोबोटिक सर्जरियां हो चुकी है.

रोबोट नहीं करता सर्जरी, रोबोट की मदद से डॉक्टर करते है सर्जरी

डॉ पुष्पेंद्र नायक कहते है कि रोबोटिक सर्जरी को लेकर मरीजों एक भ्रांती है कि सर्जरी रोबोट करता है. लेकिन ऐसा नहीं है. सर्जरी रोबोट नहीं करता, बल्कि रोबोट की मदद से सर्जरी डॉक्टर करते है. इसके तकनीकी भाषा में रोबोट असिस्टेंट सर्जरी (आरएएस) कहा जाता है. ये एक अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए रोबोटिक हाथ जैसे उपकरणों का प्रयोग किया जाता है. ये पूरे तरीके से सर्जरी करने वाले डॉक्टर के नियंत्रण में होता है.

ये डॉक्टरों की टीम रही मौजूद

डॉ राजेंद्र अग्रवाल (सर्जन), डॉ विशाल राज सग्गर (सर्जन), डॉ अवधेश (सर्जन), एनस्थिसिया टीम से डॉ मनीष नाग और डॉ डॉ हेमाली दोशी, और सीनियर असस्टेंट राघवेंद्र बारिक, क्रिटिकल केयर एंटिविस्ट डॉ प्रफुल्ल अग्निहोत्री समेत अन्य स्टॉफ शामिल है.

रोबोटिक ऑपरेशन के फायदे

  • सर्जरी के दौरान बेहतर दृश्यता
  • कम रक्त का बहना
  • लेप्रोस्कोपिक से भी छोटा निशान
  • अस्पातल से जल्द मिलेगा डिस्चार्ज