गणित की जरूरत जिंदगी के प्रत्येक क्षेत्र में होती है चाहे वह चिकित्सा हो इंजीनियरिंग हो या रोजमर्रा की हमारी जरूरतें हो : डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा,26दिसंबर 2024 (वेदांत समाचार)। नेशनल मैथेमेटिक्स डे भारतीय वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन के जन्म दिन के अवसर पर मनाया जाता है । इनके साथ ही आर्य भट्ट जी का योगदान भी गणित और अतुलनीय रहा जिन्होंने शून्य का लिखित इस्तेमाल आरम्भ किया । आज की पीढ़ी उन पदचिन्हों लर चलकर अपने भविस्य को साकार कर रही है ।

जिन रास्तों के निर्माण पूर्व के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया । गणित हमारी आंकलन शक्ति को बढ़ाता है और जब हमारी बुद्धि सहीं व सटीक आंकलन करने में सक्षम होती है तब हम सहीं निर्णय भी कर सकते हैं । गणित का अर्थ जोड़ घटाओ गुना भाग तक ही सीमित नहीं बल्कि हर क्षेत्र में इसकी उपयोगिता रहती है । गणित बिना तो विज्ञान भी अधूरा है क्योकि विज्ञान के हर खोज में गणित की महत्वपूर्ण उपयोगिता होती है । गणित दिवस हमें गणित के करीब लाने के उद्देश्य से बना है ताकि लोगो के मध्य बेवजह के फैले भ्रांतियों को, भय को इस बहाने मिटाया जा सकें हालांकि नेशलन मैथेमेटिक्स डे महान वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन के जन्म दिन के अवसर पर मनाया जाता है चूंकि वह भारत के एक महान गणितज्ञ रहे ।

जिनके जन्म दिन के अवसर के बहाने गणित दिवस मनाना आरम्भ हुवा था । हमें भी श्रीनीवास रामानुजन तथा आर्यभट्ट की तरह सोच विचार अपने जीवन मे लाने की जरूरत है । वह कितने श्रेष्ठ विचार रखते होंगे जिनके पदचिन्हों पर पीढियां चला करती हैं । तो हमें भी लक्ष्य हमेशा ऊंचा रखना चाहिए क्योंकि लक्ष्य ऊंचा होगा तो लक्ष्य से सम्बंधित लक्षण स्वत: ही हमारे अंदर पनप जाएंगे जब हम अपने लिए ना जीकर समाज के लिए जीना आरम्भ करते हैं जब हम स्वार्थ से निस्वार्थ जीवन जीना आरम्भ करते हैं । जब हम मैं पन से हम की तरफ सोचने लगते हैं व खुद से ज्यादा अन्य की फिकर करने लगते हैं तब हम एक कदम उन श्रेष्ठ महान व्यक्तियों के कदम पर चलने लग पड़ते हैं ।

गणित एक अमूर्त निगमनात्मक प्रणाली है। जिस प्रकार मोरों में शिखा और नागों में मणि का स्थान सबसे ऊपर है उसी प्रकार सभी वेदांग और शास्त्रों में गणित का स्थान सबसे ऊपर है।महान गणितज्ञ गाऊस ने कहा था कि गणित सभी विज्ञानों की रानी है।गणित विज्ञान एवं प्रायोगिकी का एक महत्वपूर्ण टूल है। सभ्यता के इतिहास के पूरे दौर में गुफा में रहने वाले मानव के सरल जीवन से लेकर आधुनिक काल के बहुआयामी मनुष्य तक आते-आते मानव जीवन में धीरे-धीरे परिवर्तन आया है। साथ ही मानव ज्ञान-विज्ञान की एक व्यापक समृद्ध शाखा के रुप में गणित का विकास हुआ है।

आज से 4000 वर्ष पहले बेबीलोन तथा मिस्र सभ्यताएँ गणित का इस्तेमाल पंचांग बनाने के लिए तथा ग्रहों के पथों का शुद्ध आलेखन और सर्वेक्षण के लिए तथा अंकगणित का प्रयोग व्यापार में रुपयों पैसों और वस्तुओं के विनिमय के लिए किया जाता था। अक्सर कई लोगो के जहन में गणित को लेकर एक भय व असमंजस की स्थिति बनी हुई रहती है । कुछ तो इसे बोरिंग मानने लग जाते हैं । तो कुछ इसे कठिन मानने लगे जाते हैं । अंतत: इस गणित विषय से समय के साथ मन मे भय व्याप्त होने से लोग इससे दूरी बनाते बनाते इससे दूर हो जाते हैं , जो उनको जीवन को और भी कठिन बना देता है । कुछ दशकों से गणित को लेकर अनेकों भ्रांतियां समाज मे फैली रहती है ।

खासकर विद्यार्थी वर्ग के मध्य की गणित कठिन विषय है , पर वास्तविकता यह है कि जीवन के हर दूसरे कदम पर हमें गणित की आवश्यकता पड़ती है । अब समय है इससे डरने के बजाए इसे समझकर अपने व्यावहारिक जीवन मे उतारने और प्रयोग करने का है, पर व्यावहारिक जीवन में इसकी उपयोगिता क्या है ? यह किसी को मालूम ही नहीं चलता ।

इस हिचकिचाहट को मन से मिटाने के उद्देश्य से *आईपीएस दीपका ने बच्चों को गणित में दक्ष बनाने के उद्देश्य से मैथेमेटिक्स लैब की स्थापना विद्यालय में की है । जिस लैब में गणित के विभिन्न पहलुओं के संदर्भ में बच्चों को अच्छे से समझाया जाता है । नेशनल मैथेमेटिक्स डे के अवसर पर आईपीएस दीपका में बच्चों को व्यावहारिक क्रियाकलाप के माध्यम से जोडक़र गणित दिवस से सम्बंधित विभिन्न क्रियाएँ जैसे-गणित प्रश्नोत्तरी, परछाई के माध्यम से ऊँचाई एवं दूरी ज्ञात करना और क्षेत्रफल ज्ञात कर आयतन ज्ञात करना,प्लेस वैल्यू चार्ट,2डी एवं 3डी शेप,मैथ्स रेस,ट्रिग्नोमेट्री ट्रिक सिखाया गया ।

विद्यालय मे आयोजित नेशनल मैथेमेटिक्स डे में हुए सभी कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय के गणित शिक्षक सुधीर साहू, संजय सिंह एवं सुश्री ज्योति गुप्ता ने बहुमूल्य योगदान दिया।

विद्यालय में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सममानित किया गया। गणित विभाध्यक्ष सुधीर साहू ने कहा कि हमारी जिंदगी में हर जगह गणित है। हमारे खाने-पीने, पहनने-ओढऩे, खरीददारी से लेकर आवागमन तक गणित समाया हुआ है। यदि हमारे विद्वानों ने गणित के महत्व को नहीं समझा होता तो शायद आज हम चाँद पर जिंदगी नहीं तलाश रहे होते। गणित हमारे जीवन का अनिवार्य अंग है। इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा नेशनल मैथेमेटिक्स डे के अवसर पर बच्चों को व्यवहारिक गणितीय क्रियाकलाप के माध्यम से जोडक़र गणित से सम्बंधित विभिन्न क्रियाकलाप किये गए बच्चों के जहन में बेवजह व्याप्त गणित के प्रति भय को मिटाने की कोशिश की गई । महान गणितज्ञ वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन के जीवन कहानी को बतलाकर प्रेरित किया गया साथ ही गणित के ज्ञान को रटकर या किताबी ज्ञान की तरह सीमित ना रखते हुवे उसे व्यावहारिक जीवन मे उतारने हेतु प्रेरित किया गया । उन्होंने कहा कि गणित का उपयोग जीवन के हर क्षेत्र में हैं ।


हमें इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए।