वीर बालकों के बलिदान को जानेगा समाज, आज कार्यक्रम

कोरबा,26दिसंबर 2024 (वेदांत समाचार) । भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2022 में घोषित वीर बाल दिवस के साथ अखिल भारतीय स्तर पर आयोजन की शुरुआत भी की गई है। इसके माध्यम से संपूर्ण समाज को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि वीर बाल दिवस की प्रासांगिकता क्यों है और इसे जानना हर किसी के लिए जरूरी है। कोरबा जिले के गुरुद्वारों में आज इस उपलक्ष्य पर विशेष कार्यक्रम किए गए।

सिख धर्म के 10वें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह के दो बालकों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह का बलिदान काफी कम उम्र में धर्म की रक्षा के लिए हो गया था। मुगल आक्रांताओं को उन्होंने चुनौती दी थी और किसी के भी सामने सिर झुकाने से साफ मना कर दिया था। वीर बालकों का कहना था कि उनके लिए अपना धर्म महत्वपूर्ण है और वे किसी व्यक्ति की आज्ञा के हिसाब से नहीं चल सकते। बाद में उन्हें आक्रांता ने जीवित स्थिति में ही दीवार में चुनवा दिया। यह घटना ऐतिहासिक बन गई। भारत सरकार ने इन बच्चों की वीरता को स्मरण में रखने और संपूर्ण समाज को इसके जरिए संदेश देने के लिए 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित किया। कोरबा के ट्रांसपोर्ट नगर, इतवारी गुरुद्वारा सहित अन्य सभी गुरुद्वारा में कार्यक्रम का सिलसिला जारी है। वहीं टीपी नगर स्थित ऑडिटोरियम में आज शाम 6 बजे विशेष आयोजन रखा गया है। गीत-संगीत और प्रोजेक्टर के माध्यम से लोग यहां अतीत के कालक्रम को जान सकेंगे कि वास्तविक बलिदान क्या होता है। बताया गया कि इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के उद्योग और श्रम मंत्री लखनलाल के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि व सिख समाज तथा अन्य समाज की भागीदारी होगी।