‘पुरुष भी प्रेगनेंट’ होते हैं, BPSC शिक्षक को मातृत्व अवकाश मिलने पर भड़के लोग, जानिए…

बिहार में शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठता रहा है। ताज़ा मामला हाजीपुर महुआ ब्लॉक के हसनपुर ओस्ती हाई स्कूल का है, जहां एक असामान्य घटनाक्रम की वजह से शिक्षा विभाग का मज़ाक बन रहा है।एक पुरुष शिक्षक को मातृत्व अवकाश दे दिया गया। यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

एक पुरुष BPSC शिक्षक को मातृत्व अवकाश दिए जाने की खबर तेजी से फैली, जिससे शिक्षा विभाग और संबंधित शिक्षकों दोनों का व्यापक रूप से मजाक उड़ाया गया। हाजीपुर महुआ ब्लॉक के हसनपुर ओस्ती के हाई स्कूल में कार्यरत शिक्षक जितेंद्र कुमार सिंह को मिले मातृत्व अवकाश की वजह से शिक्षा विभाग की खिल्ली उड़ रही है।

स्थानीय लोगों ने कहा कि यह बिहार है, यहां पुरुष भी प्रेग्नेंट हो सकता है।मातृत्व अवकाश, जो आमतौर पर प्रसव और गर्भावस्था से संबंधित अनुपस्थिति के लिए विशेष रूप से महिला शिक्षकों के लिए आरक्षित होता है, जितेंद्र कुमार सिंह के लिए स्वीकृत हो गया। इस घटना ने न केवल शिक्षा विभाग के भीतर प्रशासनिक त्रुटियों के बारे में सवाल उठाए हैं।

इसके साथ ही जिले के पुरुष शिक्षक समुदाय के बीच एक अनूठी चर्चा हो रही है। जबकि कुछ लोग निराशा व्यक्त करते हैं, वहीं कुछ लोग इसे हंसी का पात्र बता रहे हैं। बिहार शिक्षा विभाग के ई-पोर्टल, ई शिक्षा कोष के अनुसार, सिंह को गलती से गर्भवती घोषित कर दिया गया और परिणामस्वरूप उन्हें मातृत्व अवकाश दे दिया गया।

गलती की गंभीरता को समझते हुए, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी ने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि, यह पोर्टल में हुई गलती के कारण हुआ। इस तरह की छुट्टी पुरुष शिक्षकों के लिए नहीं है। इसे जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा।

हाजीपुर महुआ ब्लॉक के हसनपुर ओस्ती के हाई स्कूल से शुरू हुई यह घटना विभाग द्वारा छुट्टी के आवेदनों के निपटान में एक महत्वपूर्ण चूक को उजागर करती है। जो विभागीय प्रक्रियाओं के भीतर अधिक सख्त जाँच और संतुलन की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

शिक्षा विभाग में इस तरह की गलती पर लोग काफी नाराज़ हैं, उनका कहना है कि जहां छात्रों तहज़ीब और तालीम दी जाती है। सही और गलत की पहचान कराई जाती है, वहां इस तरह की हरकत से साफ ज़ाहिर है कि सरकारी स्कूलों में सिर्फ खानापूर्ति की जाती है।