तेलंगाना पुलिस के एसीपी ने पुष्पा के सहारे साधा अल्लू अर्जुन पर निशाना…, बोले-हमारे खिलाफ बोला तो कर देंगे नंगा

नईदिल्ली,23दिसंबर 2024 : हैदराबाद के संध्या थियेटर घटना को लेकर एसीपी विष्णु मूर्ति ने विवादित बयान दे दिया है. अल्लू अर्जुन की पुष्पा फिल्म की भी आलोचना की. उन्होंने सवाल किया कि क्या अल्लू अर्जुन पुलिस को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें एक पुलिस वाले को खाना परोसा जाता है और अंत में उसे नंगा कर दिया जाता है या फिर तस्करों को पुलिस अधिकारियों से ऊपर बताकर पुलिस को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

एसीपी विष्णु मूर्ति ने अल्लू अर्जुन और पूरे तेलुगु फिल्म उद्योग पर कहा, “जो लोग पुलिस के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करते हैं, उन्हें उनके गलत कामों के लिए नंगा कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, “आप पट्टे पर जमीन पर रह रहे थे. उस समय एक राजनेता ने आपको उद्योग को बढ़ाने में मदद करने के लिए जुबली हिल्स में जमीन दी थी. बहुत ऊंची उड़ान मत भरो, नहीं तो जनता तुम्हारे पंख काट देगी.

क्या बोले एसीपी विष्णु मूर्ति?

एसीपी विष्णु मूर्ति की ओर से सोमाजीगुडा प्रेस क्लब में कहा गया कि मशहूर हस्तियों को अपनी सीमाएं समझनी चाहिए. तेलंगाना में 1.3 लाख पुलिस परिवार हैं. सुरक्षा प्रदान करना केवल कागजी कार्रवाई नहीं है. इसके लिए एक प्रक्रिया की आवश्यकता होती है. मशहूर हस्तियां और राजनेता पुलिस अधिकारियों को अभद्र भाषा से अपमानित नहीं कर सकते. अगर पुलिस 10 मिनट के लिए काम करना बंद कर दे तो राजनीतिक नेताओं को परिणाम भुगतने होंगे, जबकि अन्य लोग आनंद लेते हैं. पुलिस त्याग करती है और जन कल्याण के लिए काम करती है.

अल्लू अर्जुन को लेकर क्या बोले एसीपी विष्णु मूर्ती?

वहीं अल्लू अर्जुन को लेकर उन्होंने कहा कि भ्रम पैदा करने के लिए प्रेस मीट आयोजित करना कानून के खिलाफ है. रिमांड कैदी को प्रेस मीट आयोजित करने का कोई अधिकार नहीं है. यह कानूनी मानदंडों का उल्लंघन करता है. पुलिस की भावनाओं के खिलाफ बोलना अनुचित है. मशहूर हस्ती होने का मतलब यह नहीं है कि कोई कानून की अवहेलना कर सकता है.

अल्लू अर्जुन के बाउंसरों ने लोगोंं को दिया धक्का?

हैदराबाद सिटी के पुलिस कमिश्नर सी.वी. आनंद ने कहा, “हाल ही में संध्या थिएटर की घटना में हमने 40-50 बाउंसर देखे और देखा कि वे कितने लापरवाह हैं. वहां आम लोग, पुलिस और हर कोई था, लेकिन उन्होंने सभी को धक्का दिया… वे केवल वीआईपी के बारे में सोचते हैं. यह हर बाउंसर के लिए चेतावनी है कि अगर वे पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी… बाउंसर का व्यवहार वीआईपी की जिम्मेदारी है. वे बाउंसर को दोष नहीं दे सकते. जिम्मेदारी केवल वीआईपी की है.”