जीण माता महोत्सव में उमड़ा भक्ति और आस्था का सैलाब

रायपुर,23दिसंबर 2024 (वेदांत समाचार)। समता कॉलोनी स्थित रामनाथ भीमसेन भवन में आयोजित 15वां जीण माता महोत्सव श्रद्धा और आस्था के रंग में सराबोर रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 11 बजे प्रसिद्ध गायक निशा सोनी (कोलकाता) द्वारा ज्योति प्रज्वलित के साथ हुआ। भजनों के माध्यम से दरबार में विराजे गणेश जी, शंकर भगवान, हनुमान जी और भैरव जी का आह्वान किया गया।

“धोए-धोए अंगना में हो… सिंह के सवार मैया”…. जैसे भक्तिमय भजनों से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। जीण भवानी मैया के जन्म, मेहंदी, हल्दी और चुनरी जैसे प्रसंगों को भजनों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। पंडाल में उपस्थित लगभग 3,000 से अधिक श्रद्धालु पूरे उत्साह से भजनों में झूम उठे और माहौल को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया।

मंगल पाठ ने भरा माहौल में भावुकता का रंग

समिति के सुमित अग्रवाल ने बताया, दोपहर 2 बजे से पंजाब (अबोहर) के भजन कलाकार राजू निरानिया एंड ग्रुप द्वारा “माँ जीण शक्ति मंगल पाठ” की प्रस्तुति की गई। उनके द्वारा प्रस्तुत “मां जीण भवानी शक्ति मंगल पाठ” के दूसरे अध्याय में हर्ष भैरवनाथ और जीण भवानी के भाई-बहन के प्रसंग ने श्रद्धालुओं को भावुक कर दिया। पूरे पंडाल में उपस्थित श्रद्धालु भक्ति में डूब गए और कई की आंखें नम हो गईं।

महिलाओं की परंपरागत वेशभूषा ने बढ़ाया आयोजन की शोभा
समिति के प्रताप सोनी ने बताया कि कार्यक्रम में लगभग 3000 हजार महिलाएं पारंपरिक राजस्थानी लाल-पीली साड़ियों और चुनरी में नजर आईं, जबकि लगभग 1000 पुरुष श्रद्धालु भारतीय परिधान (कुर्ता-पायजामा) में उपस्थित थे। ज्योति प्रज्वलित होने से लेकर रात्रि 9:00 बजे की महाआरती तक, भक्तों का माता जी के चरणों में धोक देने और मनोकामना रखने का सिलसिला जारी रहा।

संस्कृति को सहेजने का प्रयास
समिति के प्रचार प्रसार मीडिया प्रभारी कैलाश मित्तल ने बताया कि यह महोत्सव भावी पीढ़ी को रीति-रिवाज, संस्कृति और आपसी भाईचारा सिखाने का एक माध्यम है। वहीं जीण माता के भक्तों के लिए एक विशेष अवसर बताया। महाआरती के बाद छप्पन भोग के प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए श्री जीण माता सेवा समिति, रायपुर के सुमित अग्रवाल, प्रताप सोनी, राजेन्द्र चौधरी, वीनस अग्रवाल, रितेश खण्डेलवाल, नरसिंह अग्रवाल, आनंद सोनी, संदीप सोनी, अनुराग खण्डेलवाल, कमलेश सोनी का भरपूर योगदान रहा।