केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) 2025 से कोई भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं करेगी और केवल उच्च शिक्षा प्रवेश परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी।
धर्मेंद्र प्रधान ने आज एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि मंत्रालय ने एनटीए में सुधार के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एक्शन टेकन रिपोर्ट के तहत इसे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। पैनल ने एनटीए के पुनर्गठन का सुझाव दिया है। परीक्षा एजेंसी में 10 नए पद सृजित किए जाएंगे। इस दिशा में हमने काम शुरू कर दिया है।
उन्होंने रिपोर्ट के कुछ प्रमुख बिंदुओं का जिक्र करते हुए कहा कि 2013-14 से ज्यादा स्कूल अभी 2023-24 में हैं। स्कूल में बिजली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पहले 53 प्रतिशत स्कूलों में बिजली थी लेकिन अब 91.8 प्रतिशत स्कूलों में बिजली है। यह कदम मेडिकल प्रवेश नीट परीक्षा के कथित एवं संदिग्ध लीक और अन्य गड़बड़ियों के कारण कई अन्य परीक्षाओं को रद्द करने के बाद इस साल की शुरूआत में गठित एक उच्चस्तरीय पैनल की सिफारिश के आधार पर परीक्षा सुधारों का हिस्सा है।
शिक्षा मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ इस बारे में भी बातचीत कर रहा है कि क्या परीक्षा पारंपरिक पेन और पेपर आधारित मोड में आयोजित की जानी चाहिए या कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) में बदल दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम एक बड़ी चुनौती बन चुका है। ऐसे में परीक्षाओं के सुरक्षित और सफल आयोजन के लिए सबको मिलकर काम करना होगा। मंत्री ने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) यूजी का आयोजन साल में एक बार ही किया जाएगा।