भागलपुर जिले के नारायणपुर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दारोगा जी दूल्हा बनने वाले थे। छेका हो चुका था। दहेज 32 लाख तय हुआ। लड़की वालों ने 12 लाख दे भी दिया। दूल्हा बनने वाले दारोगा जी ने जुबान से जो भी फरमाइश की वह पूरा हुआ।
बुधवार को शादी होने वाली थी। लेकिन मंगलवार को सबकुछ बदल गया। घटना भवानीपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में घटित हुई। वहां के रहने वाले और दूल्हा बनने वाले जनाब फर्जी दारोगा निकले।
लड़की वालों ने हंगामा किया। जनप्रतिनिधि आए, पंचायत हुई। पैसे वापस करने की मांग पर वे अड़े। लड़के के पिता ने लड़की वालों से मिले 12 लाख में साढ़े चार लाख वापस किया। डेढ़ लाख रुपये खर्च होने की भी बात कही। बाकी पैसे के लिए 20 दिन का समय मांगा। मामला शांत हुआ और लड़की वाले वापस गए। लड़की वाले मधेपुरा जिले के एक गांव से आए थे। लड़की वालों ने यह राहत दी कि वे पुलिस के पास नहीं गए।
शुक्र है पहले पता कर लिया, 12 लाख ही दिया लड़की वाले शादी से एक दिन पहले यानी मंगलवार को जब लड़के वाले के घर पहुंचे तो सबकुछ बदला सा दिख रहा था। वे आक्रोशित थे। घर पर पहुंचते ही लड़की वालों ने लड़का के दारोगा होने का प्रमाण मांगा। ऐसा करते ही लड़के वालों को अंदाजा हो गया कि उनकी चोरी पकड़ी जा चुकी है।काफी देर तक इधर-उधर देखने के बाद लड़के के पिता ने यह मान लिया कि उनका बेटा दारोगा नहीं है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि लड़की वाले उनके बेटे को दारोगा मानकर आए थे इसलिए वे भी चुप रहे। सच्चाई सामने आने के बाद लड़की वालों ने राहत की सांस ली और कहा, शुक्र है, लड़के के बारे में पहले ही पता कर लिया और दहेज के सिर्फ 12 लाख ही दिये थे।
लड़की वालों को स्थानीय लोगों ने बताया कि वह मेडिकल रिप्रेंटेटिव का काम करता था। कुछ समय से वह बाहर रहता था। उसके बारे में परिवार वालों ने अफवाह फैला दी कि वह दारोगा बन गया है। मधेपुरा से आए लड़की के पिता से बात बन गई। 32 लाख नगद और अन्य सामान पर बात फाइनल हो गया। लड़की वाले 11 दिसंबर को शादी करना चाहते थे। लड़का वाला शादी को टालने में लगे थे। लड़की वालों ने शादी का कार्ड भी बांट दिया था। इस बात की भी जानकारी मिली है कि लड़की का भी चयन बिहार पुलिस के लिए हो गया था।
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