बड़ी खबर : कोरबा पूर्व संयंत्र की बंद 120 मेगावाट की दोनों इकाई होगी नीलाम

कोरबा। बंद हो चुके कोरबा पूर्व संयंत्र की 120 मेगावाट की दो इकाई को भी बेचने की तैयारी शुरू हो गई है। उत्पादन कंपनी के प्रबंध निदेशक के साथ विद्युत मुख्यालय स्तर बनी कमेटी ने इकाइयों का निरीक्षण कर स्थानीय अधिकारियों से जानकारी ली।
भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीएचईएल) के सहयोग से कोरबा पूर्व ताप विद्युत संयंत्र परिसर में वर्ष 1976 में 120 मेगावाट की एक इकाइ क्रमांक पांच व 1981 में दूसरी इकाइ क्रमांक छह की स्थापना की गई थी। इस संयंत्र को 31 दिसंबर 2020 की रात 12 बजे बंद कर दिया गया था। इसके साथ ही दोनों इकाइयों को बेचने की प्रक्रिया भी शुरू हुई थी, पर कोरोना वायरस की दूसरी लहर शुरू होने की वजह से प्रबंधन को प्रक्रिया स्थगित करना पड़ गया था। बेचने से पहले इकाइयों का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इन इकाइयों में लगे उपकरण समेत सभी सामानों को सूचीबद्ध किया जाएगा।


इसके बाद मूल्यांकन करने के लिए पृथक कंपनी का कार्य सौंपा जाएगा। संयंत्र का सर्वे करने के लिए कंपनी मुख्यालय स्तर पर कार्यपालक निदेशक ओएंडएम सीएल नेताम, मुख्य अभियंता एसएंडपी एवी कुलकर्णी के साथ वित्त विभाग के आला अधिकारी को शामिल किया गया है। शुक्रवार को टीम ने कोरबा पूर्व संयंत्र का निरीक्षण करने पहुंची। यहां गुरूवार से आए कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) एन.के. बिजौरा की अगुवाई में टीम ने संयंत्र की पूरी जानकारी ली। इस दौरान पूर्व संयंत्र के मुख्य अभियंता बीडी बघेल भी उपस्थित रहे और उन्होंने टीम के सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराया।


पूरी रिपोर्ट तैयार होने के बाद बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, तदुपरांत इकाइ को बेचने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू होगी। एम.डी. एन.के. बिजौरा ने बताया कि बारिश के पहले संयंत्रों में कोयला की उपलब्धता, इकाइयों के मेंटेनेंस व अन्य बिंदुओं का जायजा लिया जा रहा है। संयंत्र को बेहतर ढंग से परिचालन में रखने अधिकारियों से कहा गया है। उन्होने कहा कि बंद हो चुके कोरबा पूर्व संयंत्र की 120 मेगावाट क्षमता वाली दोनों इकाइयों का स्क्रेप बेचा जाना है। इसका सर्वे करने के लिए मुख्य अभियंता स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है और कमेटी ने इकाइयों का निरीक्षण शुक्रवार को किया। अब अपनी रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद निविदा प्रक्रिया अपनाई जाएगी। बेचने के पहले इकाइयों का मूल्यांकन भी कराया जाएगा, ताकि दर निर्धारित हो सके।


ट्रांसमिशन कंपनी को सौंपा जाएगा 220 केवी स्वीच यार्ड


पूर्व संयंत्र परिसर में 220 केवी क्षमता का स्वीच यार्ड को ट्रांसमिशन कंपनी को सौंपा जाएगा। शुक्रवार को ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध निदेशक अशोक कुमार ने उत्पादन कंपनी के प्रबंध निदेशक एनके बिजौरा के साथ स्वीच यार्ड का जायजा लिया। इस दौरान दोनों अधिकारियों के मध्य विभिन्ना बिंदुओं पर चर्चा भी हुई। उत्पादन कंपनी के प्रबंध निदेशक बिजौरा ने बताया कि ट्रांसमिशन कंपनी को स्वीच यार्ड सौंपने से उच्च दाब ट्रांसमिशन लाइन को संचालित करने में सुविधा मिलेगी। पहले से ही लाइन खींची हुई, इसलिए किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी और ट्रांसमिशन कंपनी स्वीच यार्ड का बेहतर ढंग से संचालन करेगी।


प्लांट निरीक्षण के बाद अधिकारियों की ली बैठक


प्रबंध निदेशक एनके बिजौरा ने एचटीपीपी व डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों की बैठक लेते हुए संयंत्र के कामकाज की समीक्षा की गई। उन्होने अधिकारियों से कहा कि बारिश में प्लांट संचालन में किसी तरह की दिक्कत ना हो। कोयले का पर्याप्त स्टाक रखा जाए, ताकि तेज बारिश होने पर कोयला आपूर्ति प्रभावित होने पर संयंत्र संचालन पर किसी तरह का असर न पड़े। इस दौरान डीएसपीएम के कार्यपालक निदेशक एसके बंजारा, एचटीपीपी के इडी आरके श्रीवास, मुख्य अभियंती बीडी बघेल, एचके गुप्ता समेत अतिरिक्त मुख्य अभियंता व विभाग प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।