रायपुर,06 दिसंबर (वेदांत समाचार): छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। माना जा रहा है कि 7 या 10 दिसंबर को नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। हालांकि, इस संबंध में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
दिल्ली दौरे ने बढ़ाई चर्चाएं
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद से इन अटकलों को और बल मिला है। पार्टी के उच्चस्तरीय सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में दो नए विधायकों को शामिल किया जा सकता है, और कुछ मौजूदा चेहरों को बदला जा सकता है।
विधानसभा उपाध्यक्ष पद भी खाली:
विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भी लंबे समय से रिक्त है। इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
पार्टी में मतभेद
हालांकि, पार्टी में इस पर मतभेद हैं। एक धड़ा का मानना है कि नगर निगम चुनाव के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाना चाहिए, जबकि दूसरा धड़ा इसे तुरंत जरूरी मानता है। मौजूदा हालात में कई विभागों में काम धीमा पड़ गया है, जिससे जनता और कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है।
कई चेहरे रेस में
मंत्री बनने की दौड़ में बिलासपुर और रायपुर संभाग से कई नाम चर्चा में हैं। बिलासपुर से धरमलाल कौशिक और अमर अग्रवाल की लॉटरी लगने की संभावना है, जबकि रायपुर संभाग से राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, सुनील सोनी और पुरंदर मिश्रा दौड़ में हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पुरंदर मिश्रा, जो पहली बार विधायक बने हैं, जनता और कार्यकर्ताओं में लोकप्रियता के कारण मजबूत दावेदार हो सकते हैं।
पार्टी के सामने चुनौती
एक साल के भीतर जनता और कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती के बीच, मंत्रिमंडल विस्तार भाजपा के लिए बड़ा कदम हो सकता है। यह विस्तार न केवल पार्टी की छवि को सुधारने का प्रयास होगा, बल्कि आगामी चुनावों के लिए मजबूत रणनीति बनाने में भी मदद करेगा।
आगे क्या होगा
अब देखना यह है कि पार्टी कब और किन चेहरों पर भरोसा जताती है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की ओर से जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।