खरसिया: अधिकारियों की मेहरबानी से बच्चों की पढ़ाई पर संकट

खरसिया : रायगढ़ जिले के खरसिया विकासखंड में शिक्षा विभाग की लापरवाही और अधिकारियों की अनदेखी से शासकीय विद्यालयों की स्थिति दयनीय हो गई है। माध्यमिक शाला नवापारा (पश्चिम) के प्रधान पाठक गुलाब सिंह कंवर महीनों से विद्यालय से नदारद हैं और विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय में अपनी “अधिकारिगिरी” का आनंद ले रहे हैं।जानकारी के अनुसार, गुलाब सिंह कंवर को विद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ मध्यान्ह भोजन योजना का दायित्व सौंपा गया है। लेकिन वे न तो विद्यालय की सुध ले रहे हैं और न ही छात्रों के शैक्षिक हित का ध्यान रख रहे हैं। उन्होंने खुद को मध्यान्ह भोजन योजना के विकासखंड नोडल अधिकारी के रूप में स्थापित कर लिया है और बीईओ कार्यालय में बैठकर अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।

विद्यालय में अनुशासनहीनता और छात्रों का नुकसान

प्रधान पाठक की गैरमौजूदगी से विद्यालय में प्रबंधन और अनुशासन पूरी तरह से गायब हो चुका है। अधीनस्थ शिक्षक बिना नेतृत्व के मनमानी कर रहे हैं। विद्यालय में कोई योजना नहीं है जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसका खामियाजा वहां पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।

स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि जब विद्यालय में मुखिया ही नहीं होगा, तो बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा? विभागीय अधिकारियों की मेहरबानी के चलते इस प्रकार की लापरवाही जारी है।

कलेक्टर के प्रयासों पर पानी फेरते अधिकारी

एक तरफ रायगढ़ कलेक्टर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी उनकी योजनाओं पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। शिक्षा विभाग के इस रवैये से बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

आवश्यक कार्रवाई की मांग

शिक्षा विभाग की इस लापरवाही पर क्षेत्रीय लोगों ने नाराजगी जताई है। अभिभावकों और समाज के प्रबुद्ध लोगों ने संबंधित अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप करने और प्रधान पाठक को उनके विद्यालय में लौटाने की मांग की है। साथ ही शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की अपील की है।अगर शिक्षा विभाग ने जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो खरसिया के छात्रों का भविष्य और अधिक खतरे में पड़ सकता है। देखना यह है कि इस विषय पर शासन कब लेगी संज्ञान।