कोरबा 10 जून ( वेदांत समाचार )। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश सरकार ढाई साल पूर्व चुनाव घोषणा पत्र में वादा किया था कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू कर महिलाओं को सम्मान अधिकार व आर्थिक दृष्टि से संपन्न बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी लेकिन छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार मे कांग्रेस सत्ता में आते ही ढाई साल बाद भी पूर्ण शराबबंदी भूल गई पिछले 15 माह में अधिकतर माह लॉकडाउन के कारण शराब दुकानें बंद कर दी गई थी
जिससे अधिकतर शराब पीने वालों को शराब की लत तेजी से घट रही थी लेकिन छत्तीसगढ़ शासन ने लॉक डाउन में छूट देते हुए शराब की बिक्री बहाल करती रही है जिसके चलते प्रदेश में लॉकडाउन के चलते आम जनता आर्थिक दृष्टि से कमजोर वह बेरोजगार होने के कारण स्थिति दयनीय हो गई है जैसे ही प्रदेश सरकार ने शराब दुकानें खोलने की फरमार जारी किया वैसे ही कोरोना की मार झेल रहे नागरिक सोशल डिस्टेंसिग का पालन तो भूल ही गई साथी साथ परिवारिक कलह के चलते प्रदेश के कितने परिवार नशाखोरी के कारण परिवारिक कलह जैसे परिवार के लोगों से दारू की पैसा नहीं मिलने से बर्तन बेचना, गहने बेचना ,मारपीट करना यानी कुल मिलाकर परिवारिक हिंसा पर उतारू शराबियों के कारण लगातार परिवार बिखरते हुए आत्महत्या कर रहे हैं जिसकी ताजा उदाहरण महासमुद्र के एक साहू परिवार 6 व्यक्ति मां सहित पांच पुत्री रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या कर लिया जो प्रदेश सरकार के लिए नीति और नियत पर प्रश्न चिन्ह लग गया है अभी समय है महिलाओं को सम्मान व परिवार बिखरने से रोकने के लिए पूर्ण शराबबंदी लागू कर सरकार अपनी चुनावी वादा निभाए।
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