कोरबा,19 अक्टूबर । छत्तीसगढ़ किसान सभा और रोजगार एकता संघ ने एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण की मांग को लेकर 21 अक्टूबर को कुसमुंडा खदान बंद करने की घोषणा की है।
किसानों ने कहा कि 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन करने के लिए उनकी हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन विकास के नाम पर उन्हें अपनी जमीन से बेदखल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्से को छीन लिया है।
भू विस्थापित किसान 1084 दिनों से अनिश्चित कालीन धरना पर बैठे हैं। वे बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे हैं। इस आंदोलन में प्रभावित गांव के पीड़ित भू विस्थापित परिवार भी शामिल होंगे।
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