कोरबा, 13 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। जिले में नवरात्र पर्व का उत्साह अंतिम दिन भी उत्कर्ष पर रहा। हसदेव नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध मां सर्वमंगला मंदिर व पंडालों में परंपरागत रीति-रिवाज से पूजा-आराधना की गई।
मां सर्वमंगला मंदिर से जौ कलश विसर्जन यात्रा निकाली गई। सैकड़ो जौ कलश की विसर्जन शोभायात्रा को देखने भक्तों की खासी उपस्थिति रही। बाजे-गाजे और देवी जसगीत के साथ कलश को हसदेव नदी में विसर्जित किया गया।
यहां माँ सर्वमंगला देवी मंदिर के राजपुरोहित पं. नन्हा पांडेय (नमन) सहित अन्य पुजारियों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद इसका विसर्जन कराया। नवमी तिथि को ही नवरात्रि के पहले दिन स्थापित किए गए जवारों का विधि-विधान से विसर्जन किया जाता है।
दुर्गा माता की आराधना के लिए नवरात्रि के नौ दिन महत्वपूर्ण माने जाते हैं। वहीं पूरे नौ दिन मां की पूजा और आराधना के बाद दुर्गा पूजा उत्सव का समापन दुर्गा विर्सजन के साथ होता है।
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