नई दिल्ली । भारत ने आंखों के गंभीर रोग ट्रेकोमा के उन्मूलन में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को भारत को इस बीमारी को समाप्त करने के लिए सम्मानित किया। ट्रेकोमा, जो आंखों में संक्रमण की वजह से अपरिवर्तनीय अंधापन का कारण बन सकता है, अब भारत में नियंत्रण में है। नेपाल और म्यांमार के बाद, भारत दक्षिण एशिया में इस उपलब्धि को हासिल करने वाला तीसरा देश बन गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस अवसर पर सोशल मीडिया मंच X पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि यह देश के नेत्र स्वास्थ्य और रोग की रोकथाम के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। 2014 से 2017 के बीच किए गए राष्ट्रीय ट्रेकोमा प्रसार सर्वेक्षणों के अनुसार, सक्रिय ट्रेकोमा का प्रसार 0.7% तक गिर गया था। इसी आधार पर, 2017 में भारत को ट्रेकोमा मुक्त घोषित किया गया था। नेशनल हेल्थ मिशन की मिशन निदेशक आराधना पटनायक ने प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया।
अंधेपन की प्रमुख वजह
ट्रेकोमा आंख में होने वाला एक बहुत पुराना संक्रामक रोग है। यह दुनियाभर में अंधापन का एक प्रमुख कारण है। इससे होने वाले अंधेपन की रोकथाम की जा सकती है। ट्रेकोमा एक तरह का बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है, जो कुछ-कुछ कंजक्टिवाइटिस की तरह दिखाई पड़ता है। ट्रेकोमा का इलाज आसानी से किया जा सकता है। यह बैक्टीरियम क्लैमिडिया ट्रेकोमाटिस (Bacterium Chlamydia trachomatis) के कारण होता है। ट्रेकोमा संक्रमित त्वचा के संपर्क में आने से और संक्रमित व्यक्ति के तौलिये व कपड़े का इस्तेमाल करने से स्वस्थ व्यक्ति में आसानी से फैल जाता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति की आंख व नाक से संपर्क में आने वाली मक्खियां भी रोहे रोग फैला सकती हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञों तथा स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की सराहना
77वें क्षेत्रीय समिति सत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य पुरस्कार कार्यक्रम के दौरान डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने कहा कि भारत की सफलता का श्रेय सरकार के सशक्त नेतृत्व और नेत्र रोग विशेषज्ञों तथा स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की प्रतिबद्धता को जाता है। उन्होंने ट्रेकोमा की प्रभावी निगरानी, निदान और प्रबंधन के लिए सर्जरी के प्रावधान तथा जल, स्वच्छता और सफाई, विशेष रूप से चेहरे की सफाई को बढ़ावा देने के लिए भागीदारों के साथ मिलकर काम किया।
ट्रेकोमा के वैश्विक उन्मूलन के लिए डब्ल्यूएचओ ने की थी पहल
1996 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2020 तक ट्रेकोमा के वैश्विक उन्मूलन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन गठबंधन की शुरुआत की। यह गठबंधन एक साझेदारी है जो सदस्य देशों द्वारा SAFE रणनीति के कार्यान्वयन और महामारी विज्ञान सर्वेक्षण, निगरानी, परियोजना मूल्यांकन और संसाधन जुटाने के माध्यम से राष्ट्रीय क्षमता को मजबूत करने का समर्थन करता है।
रोकथाम और नियंत्रण
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, स्थानिक देशों में SAFE रणनीति का उपयोग किया जा रहा है। इस रणनीति के तहत इसमें निम्नलिखित उपाय शामिल हैं-
एस अंधापन चरण (ट्रेकोमेटस ट्राइकियासिस) का इलाज करने के लिए सर्जरी
संक्रमण को दूर करने के लिए एक एंटीबायोटिक, विशेष रूप से एंटीबायोटिक एज़िथ्रोमाइसिन का बड़े पैमाने पर दवा प्रशासन, जिसे निर्माता द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ट्रैकोमा पहल के माध्यम से उन्मूलन कार्यक्रमों के लिए दान किया जाता है
चेहरे की सफाई और पर्यावरण सुधार, विशेषकर जल एवं स्वच्छता तक पहुंच में सुधार।
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