श्रद्धालुओं के उपचार के लिए चलित स्वास्थ्य वाहन जगह-जगह है तैनात
दंतेवाड़ा 07 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। भारतीय संस्कृति में सेवा को ही सर्वश्रेष्ठ धर्म माना गया है। इसलिए ’’सेवा परमो धर्मः’’ के वाक्य को हमारे धर्म ग्रंथों में प्रमुखता दी गई है। सेवा को परम धर्म मानने के पीछे कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण तथा प्रत्यक्ष आत्मोद्वारक तत्त्व व कारक है। सेवा के अंदर दान, त्याग तथा समर्पण भाव रूपी धर्म के अंश प्रत्यक्ष एवं परोक्ष दोनों रूपों में विद्यमान रहते है। इस प्रकार व्यक्ति जरूरतमंद की सेवा के साथ-साथ अपने आप की भी सेवा करते हुए आत्मोद्धार करता है।
इस क्रम में शारदीय नवरात्र के मद्देनजर आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नगर में उमड़ रही है। हर वर्ष की तरह नवरात्रि में इन दिनों में बस्तर संभाग के अन्य जिलों के अलावा विभिन्न राज्यों से दंतेवाड़ा में आ रहे पदयात्रियों का तांता लगा हुआ है पैदल चल रहे इन पदयात्रियों के पैरों के छाले के उपचार के लिए नगर नगरीय निकाय के मोबाइल यूनिट वैन द्वारा श्रद्धालुओं के पैरों में मरहम पट्टी किया जा रहा है।
इसके साथ ही कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी श्रद्धालुओं का मेडिकल चेकअप की भी व्यवस्था की गई है। उल्लेखनीय है कि दोपहिया या चार पहिया वाहनों में आने वाले श्रद्धालुओं के अलावा पैदल चलित यात्रियों की संख्या भी हजारों की संख्या में है। और इनमे भी बहुत से श्रद्धालु अपने घुटनों के बल अथवा पलटते हुए भी माईजी की दरबार में अपनी आस्था का ज्योत जलाने के लिए उमड़ रहे है। ऐसे श्रद्धालुओं के लिए सड़क के किनारे दोनों मोबाइल यूनिट वन तैनात किया गया है ताकि ऐसे श्रद्धालुओं के जख्मों पर मरहम पट्टी लगाकर उन्हें राहत प्रदान किया जा सके। साथ ही शामियाना और टेंट लगाकर श्रद्धालुओं के बैठने, आराम करने और स्वल्पाहार, पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है, और यह व्यवस्था नवरात्रि तक निरंतर जारी रहेगी। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा फरसपाल, कारली, हारम चौक, पीडब्ल्यूडी वार्ड, रामदेव मंदिर, साईं समिति, साहू सदन, कन्या परिसर, नाकापारा, मंदिर परिसर, दुर्गा पंडाल, सलवा जुडूम कैंप, नव जागृति दुर्गा समिति, पातररास, सातधर, शिव मंदिर, नकुलनार तथा मैलावाड़ा इन सभी जगह पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को नियुक्त किया गया है।
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