महापुरूषों की प्रतिमाओं को विधायक ने साफ कर किया माल्यार्पण

भिलाई नगर 02 अक्टूबर 24 (वेदांत समाचार)। स्वच्छता ही सेवा 2024 की थीम ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता‘ के तहत आज वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने शहर में स्थापित महापुरुषों की प्रतिमाओं को जल से नहलाकर कर आस-पास के लोगों को नियमित सफाई करने का आह्वान किया। आज सुबह से सेन ने विधानसभा की विभिन्न स्कूल और कॉलेज पहुंच कर स्वच्छता, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में लोगों को भागीदारी के लिए एकजुट किया और ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा के तहत स्वच्छता की शपथ भी दिलाई। विधायक रिकेश सेन ने कहा कि स्वच्छता परंपरागत रूप से हमारे स्वभाव और संस्कार में रही है।

विगत 17 सितम्बर से प्रारंभ ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा के तहत ‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’ की थीम पर साफ-सफाई के बारे में लोगों को जागरूक करने और जन भागीदारी बढ़ाने विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। स्कूली छात्र-छात्राओं, युवाओं, नागरिकों और जनप्रतिनिधियों को स्वच्छता के कार्यों से जोड़ने आज छत्तीसगढ़ के 1800 स्कूलों, 105 कॉलेजों तथा 45 आईटीआई व इंजीनियरिंग कॉलेजों में करीब पांच लाख लोगों को शपथ दिलाई जा रही है वहीं स्वच्छता ही सेवा 2024 के अंतर्गत 17 करोड़ से अधिक लोगों की सार्वजनिक भागीदारी के साथ 19.70 लाख से अधिक कार्यक्रम पूरे किए गए हैं। लगभग 6.5 लाख स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों का कायाकल्प किया गया है।

सेन ने आज पावर हाऊस स्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर, वैशाली नगर महाविद्यालय स्थित स्वामी विवेकानंद और कैम्प-2 लिंक रोड जलेबी चौक स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को वाटर स्प्रिंकल से साफ कर उन पर माल्यार्पण किया। सेन शकुंतला विद्यालय राम नगर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय वैशाली नगर, शासकीय महाविद्यालय वैशाली नगर सहित अनेक स्थलों पर आयोजित स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम में पहुंचे और वहां सफाई कर लोगों से इस अभियान में स्वत: जुड़ने का आह्वान किया।  सभी कार्यक्रमों में विधायक रिकेश सेन ने स्वच्छता शपथ का सामूहिक वाचन कर लोगों को संकल्पित करवाया।

जिस शपथ का आज वैशाली नगर विधानसभा के सभी कार्यक्रमों में वाचन कर हजारों विद्यार्थी, युवा व आम नागरिकों ने संकल्प लिया, वह इस प्रकार थी – “महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी। महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर माँ भारती को आज़ाद कराया। अब हमारा कर्तव्य है कि गंदगी को दूर करके भारत माता की सेवा करें। मैं शपथ लेता हूँ कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूँगा और उसके लिए समय दूंगा। हर वर्ष 100 घंटे यानि हर सप्ताह 2 घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करूंगा। मैं न गंदगी करूँगा न किसी और को करने दूंगा। सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मुहल्ले से, मेरे गांव से एवं मेरे कार्यस्थल से शुरूआत करूंगा।

मैं यह मानता हूँ कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं उसका कारण यह है कि वहां के नागरिक गंदगी नहीं करते और न ही होने देते हैं। इस विचार के साथ मैं गांव-गांव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करूंगा। मैं आज जो शपथ ले रहा हूँ, वह अन्य 100 व्यक्तियों से भी करवाऊँगा। वे भी मेरी तरह स्वच्छता के लिए 100 घंटे दें, इसके लिए प्रयास करूंगा। मुझे मालूम है कि स्वच्छता की तरफ बढ़ाया गया मेरा एक कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।”