कोरिया के 281 किसानों ने बेचा 1250 मेट्रिक टन धान

21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से ही हो रही है धान खरीदी, भ्रम फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

कोरिया,25 नवंबर 2024 (वेदांत समाचार ) । खरीफ वर्ष 2024-25 के तहत जिले के सभी 21 उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी चालू हैं। कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने सभी नोडल अधिकारियों को धान खरीदी केंद्रों में जिम्मेदारी से काम करने के निर्देश दिए हैं। सभी उपार्जन केंद्रों में पूर्ण पारदर्शिता के साथ सतत रूप से निगरानी की जा रही है। धान उपार्जन केंद्र में धान विक्रय के लिए किसान बिना किसी परेशानी के ऑनलाइन माध्यम से टोकन काटकर निर्धारित तिथि को धान विक्रय के लिए धान उपार्जन केंद्र पहुंच रहे हैं। कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी द्वारा विभिन्न धान खरीदी केंद्र पहुंचकर व्यवस्था का जायजा भी ले रही हैं। धान खरीदी में पारदर्शिता बनाए रखने और गड़बड़ी रोकने के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है और धान उपार्जन केंद्र पहुंचकर अधिकारियों के द्वारा खरीदे जा रहे धान पर नजर रख रहे हैं।

1250 मेट्रिक टन धान विक्रय
मिली जानकारी के अनुसार जिले में धान पंजीकृत किसानों की संख्या 22 हजार 855 है और करीब 28 हजार 346 हेक्टेयर में धान बोए गए हैं। 14 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा।अब-तक जिले के 281 किसानों ने 1250.44 मेट्रिक टन धान बेच चुके हैं। जिले के किसान लगातार धान की कटाई, मिंजाई के साथ धान बेचने में व्यस्त है।

21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से ही हो रही है धान खरीदी
मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान हमारे द्वारा दी गई मोदी की गारंटी के अनुरूप इस वर्ष भी किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान के मान से ही धान खरीदी की जा रही है। किसानों को इस मामले को लेकर किसी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भ्रम फैलाने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उपार्जन केन्द्रों के माईक्रोएटीएम से 2000 रूपए से लेकर 10 हजार रूपए तक की राशि निकालने की सुविधा भी दी गई है। इससे किसानों को धान बेचने परिवहन के लिए किराये पर लिए गए ट्रैक्टर, मेटाडोर आदि का भाड़ा और हमाली मजदूरी का भुगतान करने में सुविधा होगी।

अवैध धान परिवहन, भण्डारण पर होगी कड़ी कार्यवाही
कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने अवैध धान परिवहन, भण्डारण व फर्जी तरीके से एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन करने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।

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