अदाणी फाउंडेशन और महिला एवं बाल विकास विभाग, विदिशा ने प्रोजेक्ट फॉर्च्यून सुपोषण के जरिए कुपोषण मिटाने के लिए हा मिलाया है

विदिशा,13 दिसंबर 2024। फॉर्च्यून सुपोषण परियोजना अदाणी विल्मर की एक प्रमुख पहल है, जिसे अदाणी फाउंडेशन द्वारा भारत के 11 राज्यों में 17 स्थानों पर कार्यान्वित किया जाता है। इस परियोजना का उद्देश्य 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कुपोषण और एनीमिया को कम करने के लिए सरकार के पोषण अभियान में योगदान देना है। यह परियोजना समुदाय स्तर की स्वयंसेवक के माध्यम से समुदाय में पहुंचाई जाती है, जिन्हें सुपोषण संगिनी के रूप में जाना जाता है। इन संगिनियों को कुपोषित बच्चों की पहचान करने और उन्हें रेफर करने, घर-आधारित परामर्श प्रदान करने, खाना पकाने का प्रदर्शन करने, फोकस समूह चर्चा और पोषण शिविर आयोजित करने, ग्राम-स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने, किचन गार्डन विकसित करने और कुपोषण से संबंधित मुद्दों के बारे में सामुदायिक जागरूकता पैदा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

विदिशा जिले मे 11 सितंबर को इस परियोजना का सुभारम्भ जालोरी गार्डन हॉल, विदिशा में कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथिगण श्रीमती शशि मिश्रा (अतिरिक्त जिल्ला कलेक्टर), मान भरतसिंह राजपूत, (जिल्ला परियोजना अधिकारी), श्रीमती प्रीती राकेश शर्मा (नगरपालिका अध्यक्ष) एवं श्रीमान मुकेश सक्सेना (मानव संसाधन प्रमुख) और श्रीमान विवेक यादव (लीड-स्वास्थ्य एवं पोषण, अदाणी फाउंडेशन) द्वरा दिप प्रज्वलित करके किया गया.

नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती प्रीती राकेश शर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने स्वस्थ समाज के लिए कुपोषण और एनीमिया जैसे संवेदनशील मुद्दों पर काम करने के महत्व को व्यक्त किया। उन्होंने इस महान कार्य को शुरू करने के लिए हर संभव समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई।

विदिशा जिले में, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण NFHS-5 के अनुसार, पांच साल से कम उम्र के बच्चों में स्टंटिंग (बौनापन) दर 41.1%, अंडरवेइट (कम वजन) 40.4% बच्चे के हैं, और वास्टिंग (दुबलापन) 21.4% है। प्रोजेक्ट फॉर्च्यून सुपोषण का उद्देश्य प्रधानमंत्री के सुपोषित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पोषण अभियान का समर्थन करना और कुपोषण और एनीमिया मुक्त समाज के लिए ICDS के काम में योगदान देना है। प्रत्येक सुपोषण संगिनी तीन आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ सहयोग करेगी और निगरानी और माप, परिवार परामर्श, समूह चर्चा, किचन गार्डन और वॉश बास्केट विकसित करने और IYCF और WASH घटकों को मजबूत करने के लिए काम करेगी। यह काम ICDS विभाग के समन्वय में किया जाएगा। प्रत्येक संगिनी को वेट मशीन, इन्फैंटोमीटर, स्टेडियोमीटर और एक आधुनिक टैबलेट से लैस किया जाएगा.

भरतसिंह राजपूत, (जिल्ला परियोजना अधिकारी-विदिशा) ने निरंतर सम्प्रेषण के माध्यम से सुपोषण परियोजनाओ के उद्देशों को हासिल करने पर बल दिया. योगेश तिवारी (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी-विदिशा) द्वारा कुपोषण एवं एनेमिया को विदिशा जिले में से दूर करने लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा संपूर्ण सहयोग प्रदान करने की बात कही. अदाणी विल्मर लिमिटेड के मान मुकेश सक्सेना (मानव संसाधन प्रमुख) ने टीम को बधाई दी और सफल क्रियानवन के लिए अपनी शुभकामनाएं साझा कीं। कार्यक्रम में सुपोषण टीम, जिला पंचायत पदाधिकारी, ICDS और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सुपोषण संगिनी सहित 170 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

पोषण माह अंतर्गत अदाणी वीलमार द्वारा, आऐ हुवे सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ, आशा बहनों को एवम सुपोषण संगिनी को हाइजीन किट वितरित किये गए. प्रोजेक्ट फार्च्यून सुपोषण, विदिशा की सुपोषण अधिकारी गुन मालविया ने संपूर्ण कार्यक्रम का बेहद बेहतरीन तरीके से सञ्चालन कर सफल कार्यक्रम सुनिश्चित किया।

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